जामिया मिल्लिया इस्लामिया का असिस्टेंट प्रोफेसर अबरार अहमद ट्वीट करता है कि उसने सीएए का समर्थन करने वाले अपने 15 गैर मुस्लिम छात्रों को फेल कर दिया है। ऑपइंडिया इस पर रिपोर्ट करता है। मामला तूल पकड़ता है। फिर अबरार सफाई देते हुए कहता है कि वह मजाक कर रहा था। यूनिवर्सिटी प्रशासन उसकी करतूत को गंंभीर मानता है। उसे जाँच पूरी होने तक सस्पेंड कर देता है। सब कुछ एक प्रक्रिया की तरह होता है। लेकिन इसी दौरान कुछ मुसंघी अबरार के निलंबन की खबर पढ़कर चिढ़ जाते हैं और ऑपइंडिया को गैर प्रमाणिक बताकर उसे टारगेट करने लगते हैं।
अब पढ़िए कि प्रशासन के एक्शन पर कैसे ये लोग ऑपइंडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं।
मोहम्मद अरशद खान प्रशासन के फैसले को पढ़कर हैरानी जताता है और कहता है, “क्या सच में? प्रशासन ने पक्षपाती दक्षिणपंथी संघी समाचार पोर्टल की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया और अति सम्मानित संकाय फैकल्टी को कुछ ही घंटों में निलंबित कर दिया। मगर इतने समय से पुलिस के ख़िलाफ़ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की। जिन्होंने परिसर में घुसकर बर्बरता की।”
Dr. Abrar Ahmad, Asstt Professor of @jmiu_official tweeted in public domain as to failing 15 non-muslim students in an exam. This is a serious misconduct inciting communal disharmony under CCS CONDUCT RULES.The university suspends him pending inquiry.@DrRPNishank @HRDMinistry
— Jamia Millia Islamia (Central University) (@jmiu_official) March 25, 2020
मोहम्मद सरफराज नाम का यूजर लिखता है, “मैं जामिया मिलिया इस्लामिया का छात्र हूँ। प्रोफेसर अबरार मेरे क्लास टीचर थे। मुझे अच्छी तरह से पता है कि वे कितना प्यारे प्रोफेसर हैं और यहाँ तक गैर मुस्लिम छात्र भी मेरी कक्षा में उनके साथ बहुत खुश थे। अपनी सीमा में रहो।”
i am student of jamia millia islamia. prof abrar ahmed was my class teacher. i know very well how lovely prof. Abrar Ahmed sir and even non muslim student also very happy with them in my class.
— Mohammad sarfaraj (@Mohamma26949616) March 25, 2020
stay in your limit #opindia https://t.co/dKdRZbPK36
मिर्ज़ा बिला बेग ऑपइंडिया की खबर को फेक न्यूज बताता है और कहता है, “एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर अबरार अहमद को ऑपइंडिया द्वारा लगाए झूठे आरोपों के आधार पर निलंबित कर दिया गया।”
A reputed asstt. professor Dr Abrar Ahmed @ABRSIR got suspended by JMIU on the basis of fake accusations by @OpIndia_com in a story.@YasirPost @007AliSohrab @007Dilnawaz @irenaakbar @khanumarfa @SaketGokhale @suchitrav https://t.co/kI51jHUUfi
— Mirza Bilal Baig (@mirzabilalbai12) March 26, 2020
मोहम्मद अरशद वारसी ने जामिया प्रशासन को पागल बताते हुए लिखा, “क्या…जामिया मिल्लिया इस्लामिया प्रशासन तुम पागल हो गए हो। ऑपइंडिया के फेक ट्वीट पर एक आदर्श टीचर के ख़िलाफ़ एक्शन ले लिया। क्या तुम बहरे और अंधे हो। तुम्हें दिखता नहीं कि अबरार अहमद ने एक व्यंग्य लिखा था।”
What???
— Md Arshad Warsi (@007ArshadWarsi) March 25, 2020
Have the JMI administration gone mad??
Will you act against a noble teacher of the university for a fake tweet of Opindia??
Are you all dumb and blind?? Can’t you see that post of Dr. Abrar Ahmed sb. @ABRSIR was a sarcasm??!!!
जिक्र नायक नामक यूजर लिखता है कि आखिर जामिया प्रशासन क्या कर रहा है? पहले अबरार सर को उनका मत रखने का मौका दो, फिर एक्शन लो। ये सब बिलकुल एकतरफा है। तुम्हें सारे चार्ज वापस लेने चाहिए।
What the hell u jamia administration is doing ?? first Give sir Abrar a chance to explain his viewpoint and then take action. This is complete arbitrary. U @jmiu_official should revoke all charges.
— Zikr Naik (@ZikrNaik) March 26, 2020
अबु बकर, अबरार के ट्वीट का मतलब समझाने की कोशिश करता है और कहता है कि प्रोफेसर अबरार ने वैसा बिलकुल नहीं कहा, जैसा ऑपइंडिया द्वारा फैलाया जा रहा है। प्रोफेसर अबरार ने कभी भी बच्चों के साथ जाति-पाति पर भेदभाव नहीं किया। मैं सलाह देता हूँ कि अगर आपको सबूत चाहिए तो कॉलेज के नॉन मुस्लिम छात्रों से बात करें। किसी को अंधा होकर फ़ॉलो न करें।
Prof. Abrar didnt meant wht dis fake news outlet @OpIndia_com is spreading.
— Abu Bakar (@abu4rIslam) March 25, 2020
Prof. Abrar nvr ve discriminated wid students on caste or creed basis.
I cn suggest u if u need truth cm jamia👍 non muslim students wil give testimonials abt Prof. Abrar.
Dnt b a blind follower of any1
इसके अलावा भड़काऊ बयानों के कारण फॉलोवर इकट्ठा करने वाला पत्रकार अली सोहराब भी इस मामले में ऑपइंडिया को आरएसएस का मुखपत्र कहने से नहीं चुकता। काकावाणी नाम के अकाउंट से सोहराब अपने फॉलोवर्स को भड़काते हुए लिखता है कि ऑपइंडिया इस्लाम को गाली देने वालों को प्रमोट करता है और आतंकी संगठन आरएसएस का मुखपत्र हैं। ये हर रोज मुस्लिमों को टारगेट करता है। अभी हाल फिलहाल में शरजील इमाम और खुद मुझे टारगेट कर चुका है। आज अबरार को टारगेट किया है। कल आप का नंबर हो सकता है।
इस्लाम को गाली देनेवालों को खूब प्रोमोट करता है…”आतंकवादी” संगठन RSS का “मुखपत्र” @OpIndia_com पढ़े लिखे मुसलमानों को हर रोज टारगेट करता है…
— काकावाणी 2.0 (@007AliSohrab) March 25, 2020
अभी हाल फिलहाल में शरजील ईमाम (@_imaams), @YasirPost व खुद मुझे टारगेट कर चुका है,आज @ABRSIR को टारगेट किया है,कल आप भी नंबर हो सकता है… https://t.co/6EwvrvLwVQ
अब जिस बात को लेकर अबरार के समर्थक इतना जहर उगल रहे हैं वह खुद उसने ट्वीट कर कबूला था। सीएए समर्थक छात्रों को फेल करने की बात करना, उन्हें धमकी देना किस तरह का व्यंग्य है यह समझ से परे है। ऑपइंडिया ने अपने तरफ से कोई झूठ दावे नहीं किए। जैसा अबरार ने सोशल मीडिया में कहा है वही सब पाठकों को बताया है। अबरार के इसी कबूलनामे पर यूनिवर्सिटी प्रशासन भी एक्शन लिया है।