तीन बार उत्तर प्रदेश व एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके नारायण दत्त तिवारी का निधन हुए अभी 6 महीने ही हुए हैं, तभी उनके बेटे रोहित शेखर की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। ख़बरों के अनुसार, रोहित की नाक से ख़ून आ रहा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी पुलिस फिलहाल तो किसी नतीजे पर नहीं पहुँची है लेकिन हर एंगल से इस घटना की छानबीन की जा रही है। आज गुरुवार (अप्रैल 18, 2019) को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आनी है, जिसके बाद काफ़ी कुछ पता चल जाएगा। फिलहाल रोहित के पार्थिव शरीर को उनके परिवार को सौंप दिया गया है। डॉक्टरों की टीम भी इस बात से हैरान है कि रोहित की नाक से ख़ून क्यों आ रहा था?
सबसे पहले जानते हैं कि रोहित मौत से पहले कहाँ थे और उन्होंने क्या-क्या किया था। दरअसल, रोहित और उनका पूरा परिवार वोट डालने उत्तराखंड के कोटद्वार गए थे। वहाँ से वो लोग रात के 11 बजे डिफेंस कॉलोनी स्थित अपने घर लौटे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रोहित ने शराब भी पी रखी थी। घर पहुँच कर वो सो गए। अगले दिन शाम 4 बजे तक वो सोए ही रहे। उसी समय किसी नौकर ने देखा कि उनकी नाक से ख़ून निकल रहा था। इसकी जानकारी उनकी माँ और मैक्स अस्पताल को दी गई। पुलिस का सीधा सवाल है कि एक व्यक्ति 16 घंटे तक सोया रहता है और घर में कोई उसकी सुध भी नहीं लेता, क्यों?
#रोहित_शेखर की उस कानूनी लड़ाई के दौरान दर्जनों बार उससे मुलाक़ात हुई बात हुई। उसका यही कहना था कि मुझे अपने ऊपर आए नाजायज़ का ठप्पा हटाना है। एक बड़े रसूख वाले नेता से कानूनी तौर पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार पाने की मिसाल बना।
— Ankit Gupta (@ReporterAnkitG) April 17, 2019
विनम्र श्रद्धांजलि #RohitShekharTiwari https://t.co/8CUBnwTAIQ
नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रोहित की पत्नी व परिवार के अन्य लोग घर में ही थे। पुलिस को पता चला है कि रोहित नींद की गोलियाँ भी लेते थे। पुलिस इसे पॉइज़निंग (ज़हर) वाले एंगल से भी देख रही है। उनके कमरे के अंदर ढेर सारी दवाओं के रैपर मिले हैं। हाल ही में उनकी बाईपास सर्जरी हुई है। उनके कमरे में इतनी सारी दवाइयाँ थी, जैसे कि वो कोई छोटा सा मेडिकल स्टोर हो। परिवार की तरफ से हत्या जैसी कोई बात नहीं कही गई है। पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। रिपोर्ट की मानें तो रोहित के नौकर ने यह भी बताया कि उसने सुबह 9 बजे भी उनके कमरे में जाने की कोशिश की थी।
वहीं अगर रोहित की माँ के बयान को देखें तो वो अवसादग्रस्त थे। राजनीतिक करियर परवान न चढ़ पाने के कारण रोहित शेखर तिवारी डिप्रेशन में थे। वो अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाना चाहते थे। जबकि आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, रोहित ने सुबह 4 बजे अपनी भाभी कुमकुम को फोन किया था। वह उन्हें कुछ बताना चाहते थे। अगर रोहित उस दिन शाम तक सोए रहे थे (जैसा कि नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है) तो उन्होंने सुबह कॉल कैसे किया? अगर उन्होंने कॉल किया तो क्या घर वालों की तरफ से वापस कॉलबैक आया था?
रोहित शेखर तिवारी की असामयिक मौत बहुत हृदयविदारक है। मुझे अभी-अभी यह समाचार मिला, मैं विश्वास नहीं कर पा रहा हूं। एक ऊर्जा से भरपूर, परिपक्व और विचारों से बहुत ही संघर्षशील, अध्ययनशील नौजवान जिससे बहुत उम्मीदें थी अपने पिता के नाम को आगे बढ़ाने की, वो बीच में ही… pic.twitter.com/VIZRZlQN9a
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 16, 2019
आजतक की रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर रोहित जिस कमरे में सोते थे, उस दिन वो वहाँ न सोकर दूसरे कमरे में सोए हुए थे। इस बारे में घर वालों का कहना है कि उनकी पत्नी को दिक्कत न हो, इसीलिए वो दूसरे कमरे में सोए थे। रोहित के परिवार का मानना है कि ये प्राकृतिक मौत है। अमर उजाला ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि रोहित के घर के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे लेकिन उनमें से एक भी चालू नहीं था। क्या किसी ने सीसीटीवी बंद कर दिया था या वो लम्बे समय से बंद था?
बता दें कि रोहित शेखर को एनडी तिवारी को अपना पिता साबित करने के लिए लम्बी क़ानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। सालों तक ना-नुकुर के बाद तिवारी ने उन्हें अपना बेटा स्वीकार कर अपने घर में जगह दी थी। उन्होंने रोहित की माँ से 88 वर्ष की उम्र में शादी भी की थी। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे एनडी तिवारी पिछले वर्ष 18 अक्टूबर 2018 को अपने जन्मदिवस के दिन ही चल बसे थे।