जेट एयरवेज के चेयरमैन और प्रमोटर नरेश गोयल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में शुक्रवार (1 सितंबर, 2023) को गिरफ्तार किया। इस मामले में उन पर केनरा बैंक के साथ 538.62 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। ईडी की जाँच में यह बात भी सामने आई है कि नरेश गोयल ने कंपनी में अपने परिवार के सदस्यों शामिल कर उन्हें गलत तरीके से लाभ पहुँचाया था। साथ ही अपनी बेटी के द्वारा चलाए जा रहे एक प्रॉडक्शन हाउस के कर्मचारियों को भी जेट एयरवेज के लोन से सैलरी दी थी। वहीं एचडी गार्डी के साथ भी गोयल के संबंध पाए गए हैं जिसका नाम पनामा पेपर्स में सामने आया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गोयल को एक विशेष अदालत ने शनिवार (2 सितम्बर, 2023) को 11 सितंबर तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ED ने अदालत से जेट एयरवेज को ऋण के रूप में दिए गए धन की हेराफेरी से संबंधित लेनदेन, निजी खर्चों जैसे फर्नीचर, ड्रेस, ज्वेलरी और घर के कर्मचारियों के लिए भुगतान सहित कई मामलों में उनसे पूछताछ करने के लिए हिरासत की माँग की थी।
बता दें कि जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड (जेआईएल) द्वारा एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ से लिए गए लोन को कथित तौर पर गलत तरीके दूसरी जगह भेजने के लिए सीबीआई और ईडी द्वारा जाँच की जा रही है। 2019 में इन बैंकों के लगभग 6,000 करोड़ रुपए के ऋण डूब गए थे। इस मामले में केनरा बैंक ने अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) द्वारा जेट एयरवेज के खातों का ऑडिट करवाया और बाद में 538 करोड़ रुपए के ऋण की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए सीबीआई से शिकायत की थी।
परिवार द्वारा निजी खर्चों के लिए भी जेट एयरवेज के खाते से भुगतान
अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) ऑडिट से पता चला कि 2011-12 से 2018-19 के बीच जेआईएल के खातों से नरेश गोयल की पत्नी अनीता गोयल, उनकी बेटी नम्रता गोयल और बेटे निवान गोयल को अलग-अलग कामों के लिए 9.46 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ED के हवाले से दावा किया गया है कि ईडी की जाँच रिपोर्ट में कहा गया है, “इस तरह की लेन-देन का कोई उचित कारण नहीं बताया गया बल्कि व्यक्तिगत लाभ के लिए कंपनी से निजी फायदे के लिए किसी छिपे हुए उद्देश्य के साथ फण्ड ट्रांसफर किया गया था।”
अभी तक, ED की जाँच में जो सामने आया है। उसमें गोयल की पत्नी अनीता को 7.39 करोड़ रुपए, बेटी नम्रता को 1.1 करोड़ रुपए और बेटे निवान को 97 लाख रुपए का भुगतान किया गया। जाँच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि नरेश गोयल के बेटे निवान और बेटी नम्रता ने 2010-11 और 2011-12 के दौरान जेट एयरवेज में प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में काम किया, जबकि अनीता गोयल वीपी, राजस्व प्रबंधन और नेटवर्क प्लानिंग में थीं।
वहीं, 2012 और 2015 के बीच, निवान और नम्रता एग्जीक्यूटिव (सर्विस डेवलपमेंट) थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में, अनीता कंपनी में निदेशक बन गई और उन्हें बोर्ड की बैठकों में भाग लेने के लिए शुल्क का भुगतान किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की जाँच से पता चला है कि पेशेवर और परामर्श की आड़ में करीब 1,000 करोड़ रुपए के संदिग्ध खर्चों को दिखाया गया था। यहाँ तक कि नरेश गोयल और उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत खर्चों को भी कंपनी के खाते में दर्ज किया गया था, और बेहिसाब लेनदेन की राशि को विदेशी खातों में जमा किया गया था।
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, ईवाई के ऑडिट पार्टनर विनय गरोडिया ने ईडी द्वारा दर्ज किए गए अपने बयान में कहा है, “कुछ ऐसे ईमेल की पहचान की गई थी, जिसके आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि मेसर्स फिल्मस्टॉक प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों का वेतन और परिचालन खर्च भी संभावित रूप से जेआईएल द्वारा ही वहन किया गया था।” बता दें कि मेसर्स फिल्मस्टॉक प्राइवेट लिमिटेड 23 अगस्त 2016 को नरेश गोयल की बेटी नम्रता गोयल द्वारा स्थापित एक प्रोडक्शन हाउस है।
वहीं एजेंसी को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि गोयल के मुंबई और दिल्ली के मकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन खर्च भी जेआईएल द्वारा ही भुगतान किया गया था। ED को कुछ ईमेल ऐसे भी मिले हैं जिनमें भारत (जेआईएल) से यूके इकाई (जेटएयर यूके) और बदले में अनीता गोयल को भी कई तरीकों से फण्ड ट्रांसफर किया गया था।”
पनामा पेपर्स के आरोपित के साथ भी आया नाम
इसमें आरोप लगाया गया कि गोयल परिवार ने पनामा पेपर्स में नामित व्यवसायी एचडी गार्डी से कंपनी के फंड का उपयोग करके फर्नीचर और ज्वेलरी खरीदे थे। नरेश गोयल की पत्नी अनीता गोयल ने राज ओवरसीज पीटीई लिमिटेड, सिंगापुर को ‘आभूषणों की खरीद’ के बदले में कुल 1,480,000 अमेरिकी डॉलर के भुगतान किए थे। वहीं कुछ ईमेल से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि नरेश गोयल और अनीता गोयल के लिए खरीदी गई कुछ चल संपत्तियों, फर्नीचर, सहायक उपकरणों, ड्रेस और आभूषणों के लिए एचडी गार्डी द्वारा भुगतान किया गया था। ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जाहिर तौर पर कंपनी से निकाली गई धनराशि अपने का इस्तेमाल अपने निजी कामों के लिए किया गया है।
गौरतलब है कि नरेश गोयल UPA सरकार में कॉन्ग्रेस के चहेते थे, प्रफुल्ल पटेल खुद इनके बचाव में उतरे थे। साल 2006 में, तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल नरेश गोयल के नेतृत्व वाली एयरलाइन जेट एयरवेज के बचाव में खुलकर सामने आए थे। इसके लिए उन्हें ‘नरेश गोयल का उड्डयन मंत्री’ कहा गया। उस वक्त एक केंद्रीय मंत्री के लिए एक निजी कंपनी के लिए वकालत करना और इस तरह खुले तौर पर बोलना हैरानी भरा था। इस घोटाले की पूरी कहानी को आप यहाँ पढ़ सकते हैं।