केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने नए शैक्षिक सत्र के लिए घोषित पाठ्यक्रम में हायर सेकेंड्री के सिलेबस से पाकिस्तानी शायर के नज्म, मुगल साम्राज्य का महिमामंडन और इस्लाम के विस्तार से संबंधित पाठों को हटा दिया है। NCERT पुस्तक की कक्षा 10 के समाज विज्ञान के सिलेबस से फैज अहमद फैज (Faiz Ahmed Faiz) की शायरी और 11वीं की इतिहास पुस्तक से इस्लाम की स्थापना, उसके उदय और विस्तार की कहानी को हटा दिया गया है। वहीं, 12वीं की किताब से मुगल साम्राज्य के शासन-प्रशासन वाले अध्याय में बदलाव कर दिया गया है।
CBSE ने सत्र 2022-23 के लिए जारी किए गए सिलेबस में कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक ‘डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स II’ के ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति– सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ पाठ से फैज की शायरी को हटा दिया गया है। ये शायरी पेज नंबर 46, 48, 49 पर तस्वीरों के माध्यम से रखे गए थे।
इसमें दो पोस्टर और एक राजनीतिक कार्टून शामिल हैं। पोस्टर में फैज की नज्म का अंश लिया गया था। इनमें से एक नज्म फैज ने तब लिखी थी, जब उन्हें लाहौर की जेल से जंजीरों में बांधकर तांगे से एक दंत चिकित्सक के पास ले जाया जा रहा था।
इसका नाम है, ‘इतनी मुलाकातों के बाद भी हम अजनबी रहते हैं, इतनी बारिश के बाद भी खून के धब्बे रह जाते हैं’। वहीं, दूसरा अंश फैज की साल 1974 में ढाका यात्रा के दौरान लिखी गई कविता से लिया गया है। इसका नाम है, ‘आँसू बहाने के लिए पर्याप्त नहीं है, पीड़ा सहने के लिए, गुप्त रूप से प्यार को पोषित करने के लिए पर्याप्त नहीं है … आज, जंजीरों में बंधे सार्वजनिक चौक में चलो।’।
वहीं, कक्षा 11वीं की इतिहास की पुस्तक से इस्लाम से संबंधित पाठ को हटा दिया गया है। इस अध्याय में अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य का उदय, वहाँ की अर्थव्यवस्था में योगदान और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में बताया गया था।
नए सिलेबस में इसके अलावा भी कई के पाठों को हटाया गया है। कक्षा 10वीं की ‘खाद्य सुरक्षा’ चैप्टर से ‘कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव’ को हटा दिया गया है। वहीं, 11वीं के गणित की पुस्तक से पाँच चैप्टर हटा दिए गए हैं। 12वीं की राजनीति शास्त्र पुस्तक से ‘शीत युद्ध काल और गुटनिरपेक्ष आंदोलन’ के पाठ को हटा दिया गया है। इसके साथ ही इस क्लास के इतिहास की पुस्तक से ‘मुगल साम्राज्य के शासन-प्रशासन’ में बदलाव किया गया है।