मुगलों का महिमामंडन मुख्यधारा की मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर उदारवादियों और वामपंथियों द्वारा अक्सर किया जाता है। यहाँ तक भी दावे किए जाते हैं कि औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भी भारत में रहते हुए मंदिरों की रक्षा की और उनकी देखरेख का जिम्मा उठाया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्कूलों में जिस पाठ्यक्रम में हमें NCERT यह सब बातें सदियों से पढ़ाते आई है, उसके पास इसकी पुष्टि के लिए कोई आधिकारिक विवरण ही मौजूद नहीं है?
एक व्यक्ति ने नवंबर 18, 2020 में एक आरटीआई (RTI) आवेदन दायर कर NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) की पुस्तकों (जो स्कूलों में इस्तेमाल होती आई हैं) में किए गए दावों के स्रोत के बारे में जानकारी माँगी।
इस RTI में विशेष रूप से उन स्रोतों की माँग की गई, जिनमें NCERT की कक्षा-12 की इतिहास की पुस्तक में यह दावा किया गया था कि ‘जब (हिंदू) मंदिरों को युद्ध के दौरान नष्ट कर दिया गया था, तब भी उनकी मरम्मत के लिए शाहजहाँ और औरंगजेब द्वारा अनुदान जारी किए गए।
इसके अंतर्गत मुग़ल आक्रांता शाहजहाँ और औरंगज़ेब द्वारा मरम्मत किए गए मंदिरों की संख्या भी पूछी गई। इन दोनों ही सवालों के जवाब बेहद चौंकाने वाले थे। RTI में पूछे गए इन दोनों सवालों के सम्बन्ध में NCERT का जवाब था- “जानकारी विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं है।”
This is incredibly damning evidence. pic.twitter.com/vF66qwbpSx
— Dr. Indu Viswanathan (@indumathi37) January 13, 2021
डॉक्टर इंदु विश्वनाथन द्वारा NCERT द्वारा RTI के अनुरोध के इस जवाब की प्रति ट्वीट की है और इस पर प्रतिक्रिया करने वाले सभी लोग हैरान हैं। इंदु विश्वनाथन ने अपने ट्विटर थ्रेड में लिखा है, “दूसरे शब्दों में, भारतीय स्कूल की पाठ्यपुस्तकें यह दावा तो कर रही हैं कि ये आतताई वास्तव में उदार, और हिंदुओं के प्रति दयावान थे, लेकिन इन पुस्तकों को प्रकाशित करने वाला संगठन कोई पुख्ता सबूत देने में असमर्थ है।”
उन्होंने लिखा है कि यह हिंदुओं की संस्थागत गैसलाइटिंग किए जाने का स्तर है, जिसे अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त होना चाहिए। इसके बजाय, श्वेत अमेरिकी ‘विद्वानों’ को इससे लाभ होता है और भारतीय ‘प्रख्यात इतिहासकार’ की इसके लिए वाह-वाही होती है।
इंदु विश्वनाथन लिखती हैं कि इसके बावजूद भी ये झूठ वैकल्पिक-वास्तविकता बनाने वाली मशीनरी का हिस्सा बने हुए हैं और जब हिंदू सिर्फ सच की माँग कर रहा है तो इसके लिए उन्हें खतरनाक इस्लामोफोबिक कट्टरपंथियों की संज्ञा दी जाती है।