Tuesday, November 19, 2024
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बच्चियाँ हिंदू और ट्रेनिंग ईसाइयत की: क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहा था ‘धर्मांतरण का धंधा’, NCPCR ने खोली पोल

आयोग के अध्यक्ष ने हॉस्टल का औचक निरीक्षण करते हुए पता लगाया कि वहाँ आदिवासी हिंदू लड़कियाँ लाकर रखी गई थीं जिन्हें धार्मिक पुस्तकें देकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने की कोशिश हो रही थी।

मध्यप्रदेश के रायसेन में क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे धर्मांतरण के धंधे का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पर्दाफाश किया है। आयोग के अध्यक्ष ने हॉस्टल का औचक निरीक्षण करते हुए पता लगाया कि वहाँ आदिवासी हिंदू लड़कियाँ लाकर रखी गई थीं जिन्हें धार्मिक पुस्तकें देकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने की कोशिश हो रही थी।

आयोग अध्यक्ष ने अपनी छानबीन के दौरान हॉस्टल में रखे गए रजिस्टर चेक किए और बताया कि हॉस्टल के परिसर में 15-20 बच्चियों को रखा गया है, जो हिंदू आदिवासी हैं और इनमें कुछ नॉर्थ-ईस्ट की भी लड़कियाँ हैं। इन्हें ईसाई धर्म से संबंधित किताब पढ़ाई जा रही थीं। उन्हें बाइबल मिली थी, जो कि  निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी को सौंप दी गई।

अपने ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ईसाई मिशनरियों के छात्रावास का औचक निरिक्षण, चला रहे थे धर्मांतरण का धंधा।” इस वीडियो में आयोग अध्यक्ष ने अपना बयान भी दिया है।

प्रियंक कानूनगो कहते हैं, “इन्हें किसी प्रकार की खास ट्रेनिंग के लिए तैयार किया जा रहा था। ये बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे क्योंकि परिसर में कोई स्कूल नहीं था। ये अपने आप में जाँच का विषय है कि बच्चे वहाँ आए कैसे और कैसे वो वहाँ रह रहे थे।” वह कहते हैं, “इस तरह इनका धर्मांतरण कराना न केवल कानूनी तौर पर बल्कि नैतिक तौर पर भी गलत है। हमने आदेश दिया है कि इस तरह धर्मांतरण की गतिविधि चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए।”

तिलक लगाने पर छात्र की पिटाई, NCPCR ने दिए कार्रवाई के निर्देश

यहाँ बता दें कि मध्यप्रदेश के रायसेन में दौरे के समय एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने एक अन्य मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ये मामला एक नाबालिग लड़के से जुड़ा है जिसे कुछ दिन पहले तिलक लगाने के कारण उसकी टीचर निशाद बेगम ने बाहरी लड़कों से पिटवाया था। आयोग ने उस मामले में पुलिस से कहा है कि वो पीड़ित के ताजा बयान पर संज्ञान लें और 2 दिन के अंदर रिपोर्ट दें।

अपने पत्र में आयोग ने कहा कि मामले में हुई पड़ताल से अभी पीड़ित के परिजन संतुष्ट नहीं हैं और आरोप लगाया है कि जाँच अधिकारी ने उनसे या पीड़ित से संपर्क नहीं किया। पत्र में लिखा है कि पीड़ित का बयान आयोग के अध्यक्ष के निर्देश पर एसडीएम, तहसीलदार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष की मौजूदगी में दर्ज किया गया है। उन्होंने पुलिस को कहा है कि वह इस बयान पर संज्ञान लें और उचित कार्रवाई करें।

NCPCR writes to Raisen police after family of victim claim dissatisfaction with police action
NCPCR का पत्र
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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