मध्यप्रदेश के रायसेन में क्रिश्चियन मिशनरी गर्ल्स हॉस्टल में चल रहे धर्मांतरण के धंधे का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पर्दाफाश किया है। आयोग के अध्यक्ष ने हॉस्टल का औचक निरीक्षण करते हुए पता लगाया कि वहाँ आदिवासी हिंदू लड़कियाँ लाकर रखी गई थीं जिन्हें धार्मिक पुस्तकें देकर ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने की कोशिश हो रही थी।
ईसाई मिशनरियों के छात्रावास का औचक निरिक्षण, चला रहे थे धर्मान्तरण का धंधा
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) November 9, 2021
पूरा वीडियो – https://t.co/E6UBBpwq6k pic.twitter.com/CtKbv29AYf
आयोग अध्यक्ष ने अपनी छानबीन के दौरान हॉस्टल में रखे गए रजिस्टर चेक किए और बताया कि हॉस्टल के परिसर में 15-20 बच्चियों को रखा गया है, जो हिंदू आदिवासी हैं और इनमें कुछ नॉर्थ-ईस्ट की भी लड़कियाँ हैं। इन्हें ईसाई धर्म से संबंधित किताब पढ़ाई जा रही थीं। उन्हें बाइबल मिली थी, जो कि निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी को सौंप दी गई।
अपने ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ईसाई मिशनरियों के छात्रावास का औचक निरिक्षण, चला रहे थे धर्मांतरण का धंधा।” इस वीडियो में आयोग अध्यक्ष ने अपना बयान भी दिया है।
प्रियंक कानूनगो कहते हैं, “इन्हें किसी प्रकार की खास ट्रेनिंग के लिए तैयार किया जा रहा था। ये बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे क्योंकि परिसर में कोई स्कूल नहीं था। ये अपने आप में जाँच का विषय है कि बच्चे वहाँ आए कैसे और कैसे वो वहाँ रह रहे थे।” वह कहते हैं, “इस तरह इनका धर्मांतरण कराना न केवल कानूनी तौर पर बल्कि नैतिक तौर पर भी गलत है। हमने आदेश दिया है कि इस तरह धर्मांतरण की गतिविधि चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए।”
तिलक लगाने पर छात्र की पिटाई, NCPCR ने दिए कार्रवाई के निर्देश
यहाँ बता दें कि मध्यप्रदेश के रायसेन में दौरे के समय एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने एक अन्य मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ये मामला एक नाबालिग लड़के से जुड़ा है जिसे कुछ दिन पहले तिलक लगाने के कारण उसकी टीचर निशाद बेगम ने बाहरी लड़कों से पिटवाया था। आयोग ने उस मामले में पुलिस से कहा है कि वो पीड़ित के ताजा बयान पर संज्ञान लें और 2 दिन के अंदर रिपोर्ट दें।
In secular India..
— Ritu (सत्यसाधक) #EqualRightsForHindus (@RituRathaur) September 19, 2021
A Hindu child of class 8 gets brutally beaten on orders of a teacher for wearing a TILAK..
This is from Madhya Pradesh..Teachers name ‘Nishad’..
Future of all hindu kids in coming times pic.twitter.com/KV4ndXVoFC
अपने पत्र में आयोग ने कहा कि मामले में हुई पड़ताल से अभी पीड़ित के परिजन संतुष्ट नहीं हैं और आरोप लगाया है कि जाँच अधिकारी ने उनसे या पीड़ित से संपर्क नहीं किया। पत्र में लिखा है कि पीड़ित का बयान आयोग के अध्यक्ष के निर्देश पर एसडीएम, तहसीलदार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष की मौजूदगी में दर्ज किया गया है। उन्होंने पुलिस को कहा है कि वह इस बयान पर संज्ञान लें और उचित कार्रवाई करें।