Monday, July 1, 2024
Homeदेश-समाजNEET पेपर लीक में अब पत्रकार जमालुद्दीन गिरफ्तार: स्कूल प्रिंसिपल एहसान उल हक से...

NEET पेपर लीक में अब पत्रकार जमालुद्दीन गिरफ्तार: स्कूल प्रिंसिपल एहसान उल हक से था लगातार संपर्क में, इंडोनेशिया घूमने का भी एंगल

CBI और पुलिस के मुताबिक, 3 मई को NEET के प्रश्न पत्र कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहाँ से बैंक भेजे गए थे। माना जाता है कि ओएसिस स्कूल में ही पेपर का पैकेट खोला गया था। ये सभी सरगना संजीव मुखिया से जुड़े बताए जा रहे हैं। मुखिया का गैंग पेपर के बॉक्स का सील तोड़ने में माहिर है।

NEET पेपर लीक मामले में CBI की कार्रवाई जारी है। सीबीआई ने शुक्रवार (28 जून) की शाम को शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया है। इसके पहले चार और आरोपित पकड़े गए हैं। सभी आरोपितों को CBI प्लेन से दिल्ली लाने की तैयारी में है।

जाँच के दौरान सीबीआई ने एहसान उल हक और इम्तियाज आलम के साथ-साथ हजारीबाग के दो पत्रकारों- मोहम्मद जमालुद्दीन और मोहम्मद सलाउद्दीन को भी ट्रैक किया था। इसमें एक पत्रकार जमालुद्दीन को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। जमालुद्दीन झारखंड के एक हिंदी दैनिक अखबार से जुड़ा है। पेपर लीक मामले पर एहसान की जमालुद्दीन और सलाउद्दीन से लगातार बातचीत होती रहती थी।

सीबीआइ को जानकारी मिली कि नीट परीक्षा के तत्काल बाद एहसान उल हक विदेश घूमने गया था और करीब एक सप्ताह तक इंडोनेशिया के बाली में था। परीक्षा के पहले और बाद के उसके फोन डिटेल में बिहार से भी कनेक्शन मिला है। पेपर लीक कराने वाले गिरोह ने हजारीबाग में कई कोचिंग संचालकों से मोटी रकम लेकर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे। इनमें एक प्रोफेसर की भूमिका भी संदिग्ध है।

CBI और पुलिस के मुताबिक, 3 मई को NEET के प्रश्न पत्र कूरियर एजेंसी ब्लू डार्ट के हजारीबाग नूतन नगर सेंटर से बैंक ले जाने की बजाय पहले ओएसिस स्कूल लाए गए। इसके बाद यहाँ से बैंक भेजे गए थे। माना जाता है कि ओएसिस स्कूल में ही पेपर का पैकेट खोला गया था। ये सभी सरगना संजीव मुखिया से जुड़े बताए जा रहे हैं। मुखिया का गैंग पेपर के बॉक्स का सील तोड़ने में माहिर है।

ओएसिस स्कूल भी NEET परीक्षा का एक सेंटर था। इस सेंटर का प्रश्न पत्र और बुकलेट पटना में अधजला बरामद हुआ था। इस मामले का यह सबसे बड़ा सबूत है। इससे पहले 27 जून को सीबीआई ने पटना से मनीष प्रकाश और उसके दोस्त आशुतोष को गिरफ्तार किया था। उससे पहले दो अन्य आरोपित चिंटू और मुकेश को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।

NEET के अलावा, UGC-NET की परीक्षा भी इस ओएसिस स्कूल में आयोजित हुई थी। इसी स्कूल से ही यूजीसी-नेट के प्रश्नपत्र भी लीक होने का शक है। सीबीआई की टीम ने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सह सेंटर सुपरिंटेंडेंट इम्तियाज आलम का एक मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिया है। इसके अलावा, जाँच एजेंसी ने अन्य कई सामानों को जब्त किया है।

पटना में 28 जून को CBI की टीम आरोपित चिंटू और मुकेश को लेकर उनके दोस्त रॉकी के घर पहुँची। बताया जा रहा है कि पटना के कंकड़बाग में रॉकी के घर से कई सबूत हाथ लगे हैं। चिंटू की देवघर में गिरफ्तारी के बाद रॉकी फरार हो गया था। CBI ने चिंटू, मुकेश, आशुतोष और मनीष के मोबाइल की जाँच की। ये सभी आरोपित 6 महीने से आपस में संपर्क में थे।

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार मनीष प्रकाश ने अपने दोस्त आशुतोष से कहकर परीक्षार्थियों के लिए ‘लर्न एंड प्ले स्कूल’ को बुक कराया था। पटना के खेमनी चक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में NEET का जला हुआ प्रश्न पत्र मिला था, जो इस घटना का प्रमुख सबूत है। इस पेपर पर दी गई जानकारी से पता चला था कि ये प्रश्न पत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के परीक्षा केंद्र से लीक हुआ था।

मनीष प्रकाश ने इस स्कूल में 20 से 25 NEET परीक्षार्थियों को रुकवाकर उन्हें प्रश्न पत्र दिया था और उन्हें आंसर शीट रटवाया था। कहा जा रहा है कि मनीष प्रकाश ने संजीव मुखिया के कहने पर परीक्षार्थियों के लिए इसका इंतजाम किया था। मनीष नालंदा का रहने वाला है। उसका परिवार पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के संदलपुर इलाके में रहता है। चिंटू संजीव मुखिया का रिश्तेदार है।

वहीं, बिहार पुलिस की EOU टीम से पेपर लीक जाँच की रिपोर्ट और सबूत हासिल करने के बाद अब CBI पेपर लीक के मुख्य आरोपित संजीव मुखिया को दबोचने की दिशा में काम कर रही है। संजीव मुखिया यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपित रवि अत्री भी संजीव मुखिया से जुड़ा है। इसके अलावा, कई परीक्षाओं के पेपर लीक से भी मुखिया जुड़ा हो सकता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ब्राह्मणों के खिलाफ जहर, अब फिलिस्तीन के समर्थन में नारे, गड़बड़ रिसर्च: अशोका यूनिवर्सिटी बन चुका है वामपंथियों-वोक का अड्डा

अशोका यूनिवर्सिटी में आयोजित दीक्षांत समारोह में फिलिस्तीन के समर्थन में तख्तियाँ दिखाई गईं। इससे पहले इस संस्थान में हिन्दू विरोधी नारे भी लग चुके हैं।

ममता बनर्जी के MLA के सीने में धधक रहा जो ‘मुस्लिम राष्ट्र’, वही हर ताजेमुल को तालिबानी बनाता है… मोपला से लेकर चोपरा तक...

जो चैतन्य महाप्रभु की भूमि थी, उसे पहले 1946 के नरसंहार के बाद खंडित किया गया और अब भी वहाँ शरिया ही चलाया जा रहा है। सीरिया से लेकर तमिलनाडु तक ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं। मोपला से लेकर चोपरा तक, खूब हिन्दुओं का ही बहता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -