Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजNTA अब उसके जिम्मे, प्रशासनिक सुधार के लिए जिसके चर्चे देश-विदेश तक: कौन हैं...

NTA अब उसके जिम्मे, प्रशासनिक सुधार के लिए जिसके चर्चे देश-विदेश तक: कौन हैं प्रदीप सिंह खरोला, जो 24 साल पहले भी कर चुके हैं असंभव को संभव

NTA अपने उद्देश्यों को पूरा करने में अब तक नाकाम रहा है। स्थापना के बाद ही एजेंसी द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में 2018 और 2023 को छोड़कर हर साल गड़बड़ियाँ मिली हैं। इसके कारण एजेंसी पर सवाल उठते हैं। इस बार यह मुद्दा अधिक विकराल हो गया है। अब NTA के नए महानिदेशक के रूप में प्रदीप सिंह खरोला के पास इसकी विश्वसनीयता को बहाल करना प्रमुख चुनौती है।

केंद्र सरकार ने NEET और UGC-NET परीक्षा में धांधली के बाद इन्हें आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के डायरेक्टर जेनरल सुबोध कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह सेवानिवृत IAS अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को NTA का नया महानिदेशक बनाया गया है। इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं की जाँच CBI को सौंप दी है।

प्रदीप सिंह खरोला उत्तराखंड के रहने वाले हैं। 1985 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी खरोला साल 2021 में नागरिक उड्डयन सचिव के पद से सेवानिवृत हुए थे। इसके बाद मार्च 2022 में उन्हें राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्तमान में वह आईटीपीओ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में काम करे हैं।

इससे पहले वह एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थे। IAS खरोला बेंगलुरु मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे हैं। वे 2012-13 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक में शहरों के आधारभूत ढाँचे निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाने वाली संस्था अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कॉपोर्रेशन (केयूआईडीएफसी) का नेतृत्व भी किया है।

प्रदीप सिंह खरोला नेशनल एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म कमीशन के संयुक्त सचिव भी रहे हैं। साल 2012 में उन्हें ई-गवर्नेस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और साल 2013 में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट लोक प्रशासन पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने कई क्षेत्रों में काम किया है और प्रशासन में सुधार लाने के लिए जाने जाते हैं। इस संबंध में कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं।

प्रदीप सिंह खरोला सार्वजनिक परिवहन कंपनियों को घाटे से निकाल कर लाभ देने वाली कंपनी बनाने के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने बेंगलुरू की सिटी बस सेवा बेंगलुरू मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉपोर्रेशन को घाटे से उबारा था और साल 2000 में उसे फायदे में लाए दिए थे। यह देश के राज्य परिवहन का इकलौता सफल मॉडल है। बेंगलुरू में मेट्रो सेवा की शुरुआत में भी उनका अहम योगदान है।

प्रदीप सिंह खरोला ने 1982 में इंदौर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने 1984 में आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। यहाँ वे टॉपर रहे। इसके बाद उन्होंने फिलीपींस के मनीला स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से डेवलपमेंट मैनेजमेंट में मास्टर्स किया है।

NTA के लिए समिति का गठन

NTA द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाओं में लगातार होने वाली गड़बड़ी और विद्यार्थियों के विरोध के बाद शिक्षा मंत्रालय ने इसकी जाँच केंद्रीय जाँच एजेंसी (CBI) को दे दी है। वहीं, NTA में किस तरह का परिवर्तन किया जाए, इसको लेकर मंत्रालय ने एक हाई लेवल कमिटी बनाई है। इस कमिटी की अध्यक्षता इसरो को पूर्व प्रमुख को दी गई है।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन इस समिति के अध्यक्ष होंगे। पाँच अन्य विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे, जबकि मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। अध्यक्ष के अलावा समिति में 6 अन्य सदस्य भी होंगे।

विशेषज्ञ समिति के सदस्यों की सूची इस प्रकार है:

1-डॉ. के. राधाकृष्णन , पूर्व अध्यक्ष, इसरो और अध्यक्ष BoG, आईआईटी कानपुर – अध्यक्ष

2-डॉ. रणदीप गुलेरिया , पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली – सदस्य

3-प्रो. बी.जे. राव, कुलपति, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय – सदस्य

4-प्रो. राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास – सदस्य

5-पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य, कर्मयोगी भारत – सदस्य

6-प्रो. आदित्य मित्तल, डीन छात्र मामले, आईआईटी दिल्ली – सदस्य

7-गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार – सदस्य सचिव

क्या है NTA

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) ने साल 2017 में उच्च शिक्षा से संबंधित भर्ती की प्रवेश परीक्षा के लिए सिंगल, स्वतंत्र, स्वायत्त निकाय स्थापित करने की घोषणा की थी। इसके बाद 1 मार्च 2018 को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को औपचारिक रूप से स्थापित किया गया।

इस एजेंसी को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षाएँ (NEET, JEE Main, UGC NET आदि) आयोजित कराने का जिम्मा सौंपा गया, ताकि परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष रहे।

हालाँकि, NTA अपने उद्देश्यों को पूरा करने में अब तक नाकाम रहा है। स्थापना के बाद ही एजेंसी द्वारा ली जाने वाली परीक्षा में 2018 और 2023 को छोड़कर हर साल गड़बड़ियाँ मिली हैं। इसके कारण एजेंसी पर सवाल उठते हैं। इस बार यह मुद्दा अधिक विकराल हो गया है। अब NTA के नए महानिदेशक के रूप में प्रदीप सिंह खरोला के पास इसकी विश्वसनीयता को बहाल करना प्रमुख चुनौती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -