राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को कन्हैया लाल को काट डाला गया। महाराष्ट्र के अमरावती में 22 जून 2022 को उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई। उससे पहले गुजरात के अहमदाबाद में 25 जनवरी 2022 किशन भरवाड की हत्या हुई थी। उदयपुर की बर्बरता के बाद से लगातार ये सवाल पूछा जा रहा है कि इन घटनाओं में कोई समानता है? क्या ये सारी हत्याएँ किसी एक साजिश का हिस्सा हैं?
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार NIA इन मामलों के बीच लिंक की पड़ताल करेगी। कन्हैया लाल की हत्या की भी एजेंसी जाँच कर रही है। रिपोर्ट में एजेंसी के सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि ये सभी घटनाएँ काफी मिलती-जुलती हैं। इसकी वजह से एजेंसी इनके बीच लिंक और पैटर्न की जाँच कर रही है। इसके अलावा इन घटनाओं में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, “ये एक ही तरह की घटनाएँ हैं। हम लिंक ढूँढ रहे हैं और पैटर्न का अध्ययन कर रहे हैं। सभी मामलों में आरोपितों को आसानी से गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने अपने गुनाहों को छिपाने की कोशिश नहीं की।”
कन्हैया लाल की हत्या उनके टेलर शॉप में घुसकर मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने कर दी थी। इस मामले में ‘आतंकी संगठन’ की भूमिका से एनआईए इनकार कर चुकी है। दरअसल, कन्हैया लाल को मिल रही धमकियों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाने के कारण राजस्थान पुलिस की लगातार आलोचना हो रही थी। इसके बाद एक वर्ग खासकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इसके पीछे आतंकी संगठन, विदेश लिंक की ओर लगातार इशारा कर हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की पीठ थपथपा रहे थे।
उमेश और किशन को कैसे मारा था?
महाराष्ट्र के अमरावती में रहने वाले एक केमिस्ट उमेश कोल्हे की 22 जून को चार मुस्लिम हमलावरों ने हत्या कर दी थी। ये हत्या उस वक्त की गई थी, जब वो अपनी मेडिकल शॉप से अपने बहू बेटे के साथ अलग-अलग बाइक पर घर आ रहे थे। मामले में अब्दुल, शोएब, मुदस्सिर और शाहरुख को गिरफ्तार किया गया था। इस वारदात में बाइक से आ रहे कोल्हे की गर्दन पर पीछे से चाकू से वार किया गया था। दावा किया जा रहा है कि नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने के कारण उनकी हत्या की गई। कन्हैया लाल की हत्या के पीछे भी यही वजह बताई जाती है।
वहीं 25 जनवरी को गुजरात में 30 वर्षीय दुकानदार किशन भरवाड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में दो आरोपितों शब्बीर और इम्तियाज को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जाँच एनआईए और एटीएस कर रही है। भरवाड भी एक पोस्ट को लेकर इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर थे।