पंजाब में निहंग सिखों के हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। तरनतारन में रविवार (मार्च 21, 2021) को पुलिस और बदमाशों के बीच संघर्ष हिंसक हो गया। दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित तख़्त श्री हुजूर साहिब पर एक बाबा की हत्या के दो वॉन्टेड अपराधी यहाँ छिपे हुए हैं।
महाराष्ट्र पुलिस ने इसकी सूचना पंजाब पुलिस को दी। फिर स्थानीय पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार करने पहुँची। वहाँ निहंग सिख अचानक से आक्रामक हो गए और उन्होंने हमला कर के थाना प्रभारी की कलाई ही काट डाली। उनकी दूसरी कलाई पर भी गंभीर जख्म आए हैं।
इसके बाद हुई मुठभेड़ में पुलिस ने भी गोली चलाई और दोनों निहंग सिख मौके पर ही मारे गए। एनकाउंटर में ढेर हुए निहंग सिखों की पहचान महताब सिंह और गुरदेव सिंह के रूप में हुई है। इन्होंने नांदेड़ साहिब में बाबा संतोख सिंह की हत्या की थी और फिर फरार हो गए थे।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था और इनकी लोकेशन तरनतारन में मिली थी। वहाँ के सिंहपुरा इलाके में उनके होने की सूचना के बाद पुलिस वहाँ गई।
वहाँ छिछरेवाल गाँव में 10 दिन पहले हुई थाना भिखीविंड के हेड कॉन्स्टेबल सरबजीत सिंह की मौत के बाद आज भोग की रस्म चल रही थी। दोनों अपराधी भी यहीं छिपे हुए थे। थाना वल्टोहा के प्रभारी इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह और खेमकरण के प्रभारी सब इंस्पेक्टर नरिंदर सिंह वहाँ पहुँचे।
Nanded Sahib (Maharashtra) Police informed Tarn Taran Police that two Nihang Sikhs had fled Nanded Sahib after murdering a ‘kar sevak’. Nihang Sikhs attacked Police while latter tried to arrest them, Police shot them in retaliation which led to their death: DIG Tarn Taran pic.twitter.com/mLBV3QfTpx
— ANI (@ANI) March 21, 2021
तभी निहंग सिखों ने उन दोनों पर धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। आरोपितों ने पुलिस अधिकारियों पर कई बार हमले किए। दोनों पुलिसकर्मियों को एम्बुलेंस से अस्पताल भेजना पड़ा।
मई 12, 2020 को भी इसी तरह का वाकया सामने आया था, जब कोरोना प्रोटोकॉल की ड्यूटी निभा रहे पंजाब पुलिस के ASI हरजीत सिंह पर निहंगों ने तलवार से हमला कर उनकी कलाई काट दी थी। हरजीत खुद कटा हाथ लेकर स्कूटर से अस्पताल पहुँचे थे, जहाँ चंडीगढ़ PGIMER में घंटों की मशक्कत के बाद सर्जरी सफल रही थी।
तब बताया गया था कि पीजीआई चंडीगढ़ पहुँचते ही डॉक्टरों की टीम ने पहले हाथ पूरी तरह से निरीक्षण किया उसके बाद उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी के मुख्य ऑपरेशन थियेटर में सुबह करीब 10 बजे हाथ को जोड़ने का काम शुरू हुआ। शाम 5 बजे तक चले इस ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने हाथ की एक एक नस को सतर्कतापूर्वक बाकी शरीर से जोड़ा। कोरोना के दौरान कर्फ्यू पास दिखाने को कहने पर वो भड़क गए थे।