दिल्ली में बलात्कार के बाद क्रूरता से मार दी गई निर्भया के गुनहगारों को आखिरकार मार्च 20, 2020 की सुबह 5.30 बजे फाँसी दी जानी तय हुई है। इस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया है, जिसके बाद दोषियों के पास सारे कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं।
2012 दिल्ली गैंगरेप मामला: दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया के दोषियों को नया डेथ वारंट जारी किया। 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे होगी फांसी। pic.twitter.com/MWJ55LSErf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2020
इससे पहले बुधवार (मार्च 04, 2020) को दोषी पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया था। इसके साथ ही चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए। चौथा डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की माँ ने कहा कि अब चारों दोषियों के सारे कानूनी दाँव पेंच खत्म हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार निर्धारित तारीख को गुनहगारों को फाँसी पर चढ़ाया जाएगा।
एक ओर जहाँ नया डेथ वॉरंट जारी होने पर निर्भया के परिजनों ने खुशी जाहिर की, वहीं निर्भया के गुनहगारों के वकील एपी सिंह नाखुश दिखे। गुनहगारों के वकील एपी सिंह ने फाँसी दिए जाने और ना दिए जाने पर रोष जताते हुए कहा कि आज चौथा डेथ वॉरंट जारी हुआ है, 2013 में चारों दोषियों को फाँसी दी गई, फिर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने फाँसी दी और इसके बाद पुनर्विचार याचिका में चारों गुनहगारों को फाँसी दी गई।
दोषी पवन के वकील ने कहा कि इसके बाद फिर क्यूरेटिव पिटिशन जब खारिज हुई तब फाँसी दी गई, दया याचिका खारिज हुई तब फाँसी दी गई, तीन बार और फाँसी दे चुके हैं। वकील ने फाँसी दिए जाने के इस क्रम पर कहा- “मैं जानना चाहता हूँ कि आप कितनी बार फाँसी दोगे?”
सुनवाई शुरू होते ही दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कहा- “मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। मैं तो मीडिया रिपोर्ट्स देखकर कोर्ट में हाजिर हुआ हूँ। मैं पवन की ओर से दया याचिका खारिज किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना चाहता हूँ। इस लिहाज से मेरी पवन से मुलाकात ज़रूरी है।”
साथ ही मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते हुए बलात्कार और हत्या के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा, “ये पढ़े-लिखे हैं, जेल में सुधर रहे हैं, जेल में संभल रहे हैं और अपना परिवर्तन कर रहे हैं। आपकी आवाजें और चीखें बता रही हैं कि कितना प्रेशर है। यह चौथा डेथ वॉरंट है, जो 20 तारीख के लिए जारी किया गया है।”
इस बीच सरकारी वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि दोषियों ने सभी क़ानूनी और संविधानिक राहत के विकल्पों को आजमा लिया है। लिहाजा डेथ वारंट जारी किया जाना चाहिए। गुनहगार मुकेश को DLSA की ओर से मुहैया कराए गए वकील रवि काजी ने भी कहा कि अभी किसी दोषी के पास कोई क़ानूनी राहत के विकल्प नही बचे हैं इसलिए कोर्ट डेथ वारंट जारी कर सकता है।
दरअसल, इन दोषियों को तीन मार्च को फाँसी होनी थी, लेकिन दया याचिका लंबित होने को ध्यान में रखते हुए अदालत ने 2 मार्च को फाँसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। हालाँकि, अब दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, इसके बाद उन्हें फाँसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो चुका है।