Sunday, September 8, 2024
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एग्जिट पोल के दिन शेयर बाजार में नहीं हुई हेरफेर या इनसाडर ट्रेडिंग: जाँच के बाद SEBI के सूत्रों ने बताया, राहुल गाँधी ने लगाया था आरोप

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाजार में हेरफेर का आरोप लगाया था। उन्होंने इसे शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम करार दिया था और इसकी जाँच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की माँग की थी। राहुल गाँधी के बाद टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने इसी तरह के आरोप लगाते हुए SEBI को एक पत्र लिखा था।

इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण में मतदान के बाद एग्जिट पोल दिखाए गए थे। इसमें एक बार फिर से नरेंद्र मोदी की प्रचंड बहुमत से जीत बताई गई थी। इसके बाद शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। हालाँकि, मतगणना के दिन अनुकूल नतीजे नहीं आए और मार्केट भरभरा कर गिर गई। इसे विपक्ष दलों, खासकर कॉन्ग्रेस ने हेराफेरी बताया था। हालाँकि, बाजार नियामक SEBI ने इससे इनकार किया है।

विपक्षी दलों के आरोप पर बाजार नियमाक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इसकी जाँच शुरू की थी। सेबी ने इस जाँच को अब पूरी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेबी का कहना है कि लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल के दिन बाजार में कोई हेराफेरी या इनसाडर ट्रेडिंग नहीं हुई। सभी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर से डेटा माँगा गया था। उनके गहन विश्लेषण में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।

एग्जिट पोल के औसत अनुमान के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को करीब 367 सीटें मिलने की बात कही गई थी। इसके बाद अगले दिन यानी 3 जून को सेंसेक्स और निफ्टी में 3% से अधिक की बढ़त देखी गई थी। हालाँकि, मतगणना के दिन 4 जून को एनडीए को सिर्फ 293 सीटें मिलीं। इसके बाद बाजार में 6% की गिरावट आ गई थी।

इसके बाद कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाजार में हेरफेर का आरोप लगाया था। उन्होंने इसे शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम करार दिया था और इसकी जाँच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की माँग की थी। राहुल गाँधी के बाद टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने इसी तरह के आरोप लगाते हुए SEBI को एक पत्र लिखा था।

अपने पत्र में गोखले ने लिखा था, “एग्जिट पोल कंपनियों ने एग्जिट पोल के प्रसारण से पहले अपने ग्राहकों को उन्नत जानकारी प्रदान की थी, जिससे उन्हें गैर-सार्वजनिक जानकारी के माध्यम से शेयर बाजार में अनुचित और अंदरूनी लाभ मिला।” उन्होंने इसकी जाँच कराने की माँग की थी। इसके बाद SEBI ने इसकी जाँच शुरू की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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