Saturday, November 16, 2024
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‘गली में 4 ही मुस्लिम परिवार, फिर भी करोड़ों की फंडिंग से बनी मस्जिद’: ब्रह्मपुरी में नहीं मिला ‘The Wire’ वाला पोस्टर, दंगे में मारे गए थे 2 हिन्दू

मस्जिद में वजू के लिए नल और नमाज़ के लिए एक बड़ा फ्लोर साफ़ तौर पर बाहर से ही देखा जा सकता है। गली की मस्जिद के बारे में अधिवक्ता शर्मा ने कहा कि उस जगह पहले एक ब्राह्मण समाज के हिन्दू का घर था, जिसे खरीद कर मस्जिद बनाई गई है।

हाल ही में The Wire’ समेत कुछ वामपंथी मीडिया संस्थानों द्वारा दिल्ली के ब्रह्मपुरी में एक पोस्टर चिपकाया हुआ दिखाया गया था, जिसमें हिन्दुओं से मुस्लिमों को घर न बेचने की अपील की गई थी। रिपोर्टों में पोस्टर चिपकाने वाले के तौर पर एडवोकेट प्रदीप शर्मा का नाम बताया गया था, जिसके बाद उन्हें और उनके परिवार को धमकियाँ मिल रही हैं। ऑपइंडिया की टीम उस गली नंबर 13 में पहुँची तो वहाँ फिलहाल कोई विवादित पोस्टर नहीं दिखा।

ब्रह्मपुरी में एक लाइन से गलियाँ बनी हुईं हैं, जिनके बोर्ड पर नंबर लिखे हुए हैं। चौहान बांगर को एक सड़क ब्रह्मपुरी से अलग करती है और इसी सड़क पर ‘गली नंबर 13, ब्रह्मपुरी’ का बोर्ड लगा है। उस गली से हम अंदर की तरफ गए तो सबसे पहले शिव-गौरी नाम से एक मंदिर मिला। यहाँ पर लोगों की संख्या न के बराबर थी। मंदिर से लगभग 100 मीटर के अंदर ही आगे चल कर हमें दाएँ हाथ पर एक मस्जिद दिखी। यहाँ पर कई नमाज़ी खड़े दिखाई दिए।

फिलहाल, अब मस्जिद में वजू के लिए नल और नमाज़ के लिए एक बड़ा फ्लोर साफ़ तौर पर बाहर से ही देखा जा सकता है। गली की मस्जिद के बारे में अधिवक्ता शर्मा ने कहा कि उस जगह पहले एक ब्राह्मण समाज के हिन्दू का घर था, जिसे खरीद कर मस्जिद बनाई गई है। एडवोकेट प्रदीप शर्मा के मुताबिक, उस गली में हिन्दू की आबादी 70% व मुस्लिम की 30% है। हालाँकि, अधिवक्ता शर्मा ने हमें बताया कि पिछले 5 वर्षों में जनसंख्या का असंतुलन तेजी से बिगड़ा है और ‘गली नंबर 13’ के हिन्दुओं ने घर बेच कर पलायन करना शुरू कर दिया है।

अपना निजी मकान साल 1962 से ब्रह्मपुरी में बताते हुए प्रदीप शर्मा ने बताया कि उनके बचपन में मुस्लिम आबादी उतनी नहीं थी, जितनी अब दिखाई देती है।

ब्रह्मपुरी के गली नंबर 13 में पसरा सन्नाटा

एडवोकेट प्रदीप शर्मा के मुताबिक, उनकी पुलिस शिकायत को SHO न्यू उस्मानपुर ने गंभीरता से नहीं लिया। हालाँकि, खुद को मिली रिसीविंग को प्रदीप भविष्य में किसी अनहोनी की पूर्व सूचना का सबूत जैसा मानते हैं।

दिल्ली दंगों में 2 हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्या हुई थी

ऑपइंडिया ने ब्रह्मपुरी के ही गली नंबर 9 में रहने वाले भाजपा नेता विपिन शर्मा से बात की। विपिन शर्मा ने बताया कि साल 2020 के दंगों में उनके आसपास का इलाका भी हिंसा की चपेट में आया था। विपिन के अनुसार, इस हिंसा में ‘बजरंग दल’ कार्यकर्ता विनोद और भाजपा नेता अतुल की हत्या हुई थी। अतुल को गोली मारी गई थी और विनोद को पीट-पीट कर मार डाला गया था। विपिन के मुताबिक, दंगों में ‘खड्डे वाली मस्जिद’ के पास गलियों को ब्लॉक कर दिया गया था।

विपिन ने हमें ये भी जानकारी दी कि ब्रह्मपुरी 2 तरफ से मुस्लिम आबादी से घिरी हुई है।

सिर्फ 4 घर मुस्लिमों के लिए बनाई मस्जिद

ब्रह्मपुरी में होते डेमोग्राफिक बदलाव पर विपिन शर्मा गली नंबर 8 का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उस गली में मुस्लिमों के सिर्फ 4 मकान थे लेकिन फिर भी वहाँ मस्जिद बनवाई गई। विपिन के अनुसार इस मस्जिद का विरोध हिन्दू संगठनों ने बहुत जोर-शोर से किया लेकिन ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ के तत्कालीन विधायक हाजी भूरा ने आ कर उस जमीन पर हजारों समर्थकों के साथ नमाज़ पढ़ ली थी, जिसके बाद दबाव में वहाँ विरोध कर रहे हिन्दू संगठनों की हार हुई थी।

हालाँकि, विपिन का कहना है कि अभी भी लिखित तौर पर उस मस्जिद में सिर्फ गली के 4 घरों को ही नमाज़ पढ़ने के लिए कहा गया है।

होती है बाहरी फंडिंग

गली नंबर 8 की मस्जिद का जिक्र एक बार फिर से करते हुए भाजपा नेता विपिन शर्मा ने कहा कि वह लगभग 100 गज दायरे में है। उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने से ले कर इमारत बनवाने में खर्च हुए करोड़ों रुपए गली के उन 4 मुस्लिम परिवारों के बजट के बाहर की बात है। शर्मा ने मस्जिद के लिए बाहरी फंडिंग मिलने की आशंका जताई। बताया गया कि अब उस मस्जिद में मदरसा भी बन चुका है। लोगों को आशंका है कि उस मदरसे के लिए नियमानुसार नक्शा तक पास नहीं कराया गया।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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