Thursday, November 7, 2024
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न रेप, न अपहरण… मूक-बधिर पीड़िता मामले में राजस्थान पुलिस: प्रियंका गाँधी के इशारे पर मामले को दबाने का BJP का आरोप

राज्य सरकार अपराधियों को क्यों बचा रही है? क्या चुनाव के कारण कॉन्ग्रेस मामले को दबाने की कोशिश कर रही? प्रियंका गांधी के जन्मदिन में खलल के बाद कॉन्ग्रेसी सरकार ने उनके इशारे पर यह किया?

राजस्थान के अलवर में मूक बधिर नाबालिग पीड़िता के साथ हुई दरिंदगी की जाँच के दौरान अलवर पुलिस ने रेप की घटना से इंकार किया है। अलवर पुलिस की SP तेजस्विनी गौतम ने इसके लिए मेडिकल रिपोर्ट का हवाला दिया है। IPS तेजस्विनी गौतम ने यह बयान शुक्रवार (14 जनवरी) को दिया।

अपने बयान में अलवर की SP ने कहा, “आज डॉक्टरों के एक एक्सपर्ट पैनल बोर्ड ने, जिन्होंने अस्पताल में बच्ची की सर्जरी भी की है उसमें मेडिकल ज्यूरिस्ट व अन्य एक्सपर्ट हैं, उन्होंने एक रिपोर्ट हमें प्रेषित की। यह रिपोर्ट घावों के प्रकार के बारे में है। हम वह पूरी रिपोर्ट कानूनी आधार पर प्रकाशित नहीं कर सकते। लेकिन उस रिपोर्ट में उन्होंने जो विचार व्यक्त किए हैं, उसमें प्राइवेट पार्ट पर हुए घाव का कारण Penetrative Assault नहीं पाया गया है। तो अभी तक के फैक्ट्स, मेडिकल रिपोर्ट्स और टेक्निकल सबूतों से हमारे पास जो जानकारी है वह ये बताती है कि इसमें दुष्कर्म की संभावना नहीं है।”

अलवर की इन्हीं SP ने घटना के दिन पीड़िता के साथ दुष्कर्म की संभावना जताई थी। अब यही अलवर पुलिस पीड़िता के अपहरण को भी नकार रही है। पुलिस के अनुसार पीड़िता खुद से ही तिजारी ब्रिज पर जाते दिखी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस ऑटो में पीड़िता सवार थी, उसकी भी FSL जाँच में पुलिस को संदेह नज़र नहीं आया। एसपी तेजस्विनी गौतम ने अनुसार, “अंतिम मिला CCTV फुटेज घटना स्थल से 300 मीटर पहले का है। इसमें लड़की लगभग 7:30 बजे चलते दिखाई दे रही।” पुलिस द्वारा जारी एक वीडियो में पीड़िता वारदात वाली जगह से 200 मीटर दूर ओवरब्रिज पर अकेले जाती दिख रही है। फिलहाल पीड़िता का इलाज जयपुर में किया जा रहा है। उनके माता-पिता को मीडिया से दूर रखा गया है।

वहीं राजस्थान भाजपा ने पीड़िता के इंसाफ के लिए 17 और 18 जनवरी को सभी मंडलों में राजस्थान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया है। यह घोषणा भाजपा नेता सतीश पुनिया ने की है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक अलवर के बयान को आरोपितों को बचाने की कोशिश करार दिया है। सतीश पुनिया ने लिखा:

“अलवर में मंगलवार की रात को नाबालिग के साथ हुई घटना के संदर्भ में SIT की रिपोर्ट आए बिना पुलिस द्वारा दुष्कर्म जैसी किसी भी घटना से इंकार कर दुर्घटना बताया जाना राजस्थान सरकार की नीयत और नाकामी पर सवाल खड़े करता है। राज्य सरकार अपराधियों को क्यों बचा रही है? क्या पंजाब और यूपी के चुनाव के कारण कॉन्ग्रेस बदनामी से डरकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है? क्या प्रियंका गांधी के जन्मदिन में खलल के बाद कॉन्ग्रेस सरकार ने उनके इशारे पर इस मामले को दबाने की कोशिश की है? एसआईटी की रिपोर्ट से पहले ही पुलिस ने घटना से इनकार क्यों किया?”

भाजपा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले में राजस्थान सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस पूरे घटना की CBI से जाँच करवाने की माँग की है।

गौरतलब है कि 11 जनवरी (मंगलवार) को पीड़िता 12 बजे लोगों को खेत के रास्ते सड़क पर जाती दिखी थी। बाद में उन्हें लहूलुहान हालत में ओवरब्रिज के नीचे पाया गया था। हालत गंभीर होने के चलते पीड़िता को जयपुर रेफर कर दिया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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