उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी में बने ट्विन टावर को ध्वस्त करने की तैयारियाँ तेजी से चल रही है। विस्फोट के जरिए दोनों टावर को महज 9 सेकेंड में ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसके लिए 4000 किलो बारूद इस्तेमाल किया जाएगा। 22 मई 2022 को टावर को ध्वस्त करने की योजना है। करीब 100 मीटर दूर से रिमोट दबाकर ब्लास्ट किया जाएगा।
टावर के ध्वस्त होते ही करीब 10 मिनट तक आसपास के करीब 30 मीटर एरिया तक धूल उड़ने का अनुमान है। इसे रोकने के लिए बड़े स्तर पर पानी से छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान आसपास की तीन अन्य सोसायटी में रहने वाले लोगों को करीब 5 घंटे तक अपने घरों से बाहर रहना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार दोनों टावर को गिराने का काम एडिफिस इंजीनियरिंग को दी गई है। एजेंसी के हेड उत्कर्ष मेहता के अनुसार इस दौरान आसपास के फ्लैटों को कोई नुकसान नहीं होगा। फिर भी एहतियातन इनका बीमा कराया जा रहा है। फिलहाल दोनों टावर में विस्फोटक लगाने का काम चल रहा है।
आधे घंटे तक बंद रहेगा एक्सप्रेसवे
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया के दौरान करीब 30 मिनट तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वाहनों के लिए बंद रहेगा। अभी तक देश में इतने ऊँचे टावर कहीं भी ध्वस्त नहीं किए गए हैं। ये 102 मीटर ऊँचे टावर हैं। अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे तक विस्फोट के दौरान कोई भी निर्माण सामग्री नहीं पहुँचेगी, लेकिन एतिहयात के तौर पर इसे बंद रखा जाएगा। इसकी वजह यह है कि ध्वस्तीकरण वाले दिन काफी लोग इसको देखने के लिए इच्छुक रहेंगे। ऐसे में वह एक्सप्रेसवे टावर के सामने वाहनों को खड़ा कर सकते हैं। इससे हादसे हो सकते हैं।
ट्विन टावर को गिराने से पहले ट्रायल ब्लास्ट होगा
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से पहले ट्रायल ब्लास्ट होगा। ट्रायल ट्विन टावर में ही होगा। ट्रायल में कंक्रीट के स्ट्रक्चर बनाकर उसमें विस्फोटक भरे जाएँगे। यह ट्रायल इस महीने के अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह में होगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रायल के जरिए तैयारियाँ परखी जाएँगी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस टावर को गिराने का आदेश दिया था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें इन बिल्डिंग्स को अवैध करार दिया गया था। कोर्ट ने इसे मिलीभगत का परिणाम बताते हुए अपनी लागत पर तोड़ने का आदेश दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुपरटेक ट्विन टावर से जुड़े मामले में नोएडा प्राधिकरण के अतिरिक्त सभी आरोपित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
क्यों गिराए जा रहे टावर
सुपरटेक की दोनों बिल्डिंग्स नोएडा सेक्टर 93 यानी एक्सप्रेस-वे की तरफ स्थित हैं। इनका नाम है- एमरल्ड कोर्ट ट्विन टावर्स। जानकारी के मुताबिक इन टावर्स में 950 से ज्यादा फ्लैट हैं और एक टॉवर 40 मंजिल का है। इनमें सैकड़ों फ्लैट बुक हो चुके थे। बता दें कि ये एक अवैध कंस्ट्रक्शन था, इसलिए टावर्स को तोड़ने के आदेश दिए गए। ये कंस्ट्रक्शन सुपरटेक बिल्डर और नोएडा अथॉरिटी की मिलीभगत से किया गया था। दरअसल, जिस जमीन पर दोनों टावर बने हैं, वो जगह एक पार्क बनाने के लिए थी। हालाँकि, जमीन सुपरटेक की ही थी लेकिन उसने पार्क वाली जगह पर अवैध तरीके से दो टावर बना दिए।