देश में धर्मपरिवर्तन कर चुके लोगों को मिल रहे आरक्षण का विरोध अब जोर पकड़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक संगोष्ठी के बाद विश्व हिंदू परिषद की तरफ से कहा गया है कि आरक्षण का फायदा ऐसे लाभार्थियों को नहीं मिलना चाहिए जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है। संगोष्ठी का आयोजन 4 और 5 मार्च, 2023 को ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में हुआ था।
ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में विश्व संवाद केंद्र, जीबीयू और हिंदू विश्व पत्रिका द्वारा ‘धर्मांतरण एवं आरक्षण’ विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के दौरान अलग-अलग वर्ग के 150 लोगों ने धर्मपरिवर्तन कर चुके लोगों को मिल रहे आरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। इनमें पूर्व न्यायाधीश, विश्व विद्यालयों के कुलपति, प्रोफेसर, पत्रकार और वकील शामिल थे। ज्यादातर लोगों का कहना था कि धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
PRESS RELEASE:
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) March 6, 2023
RESERVATION TO SCHEDULED CASTES IS SACROSANCT; INCLUSION OF CONVERTED SCs to ISLAM AND CHRISTIANITY WILL DILUTE THE CONSTITUTIONAL SPIRIT ON RESERVATION: @AlokKumarLIVE pic.twitter.com/9qEQYeSNAU
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के अनुसार संगोष्ठी के बाद आरएसएस की मीडिया शाखा विश्व संवाद केंद्र ने न्यायमूर्ति के जी बालकृष्णन आयोग को एक ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति के जी बालकृष्णन आयोग को धर्मांतरण कर चुके अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को आरक्षण देने के मुद्दे का परीक्षण करने की जिम्मेदारी दी है।
वीएचपी का कहना है कि तार्किक और उचित निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए आयोग के सामने तथ्यों को रखने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएँगे। परिषद की तरफ से कहा गया है कि मुसलमानों और ईसाइयों में ओबीसी विभिन्न राज्यों में संबंधित कोटा के तहत आरक्षण का लाभ पहले से ही लेते हैं। अन्य गरीब मुस्लिम और ईसाई तबके के ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं केवल उन्हें ही आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
इस मुद्दे को लेकर आलोक कुमार की तरफ से एक ट्वीट भी किया गया है। उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम समुदाय को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण मिल रहा है। अल्पसंख्यकों के नाम पर मिलने वाली सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं। संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत लाभ प्राप्त हो रहे हैं। इसके अलावा मुफ्त राशन, घर, घर में नल, शौचालय, बिजली और गैस की सुविधाएँ मिल रही हैं। फिर अनुसूचित जाति में आरक्षण की जिद्द क्यों की जा रही है?
#मुसलमानों को
— Alok Kumar Sr. Advocate (@AlokKumarLIVE) March 7, 2023
ओबीसी कोटे में आरक्षण मिल रहा है; #अल्पसंख्यकों को मिलने वाली सुविधाएँ मिल रही है;#सविधान के अनुच्छेद 30 के लाभ मिल रहे है:
सरकारी योजनाओं में मुफ्त राशन, घर, घर में नल, शौचालय, बिजली और गैस की सुविधाएँ मिल रही है;
फिर अनुसूचित जाति में #आरक्षण की जिद्द क्यों?
बता दें कि कुछ मुस्लिम संगठन और नेता मुस्लिमों के लिए आरक्षण की माँग करते रहे हैं। आलोक कुमार ने ‘ईटीवी भारत’ से कहा कि अनुसूचित वर्ग को मिल रहा आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि अब समाज के किसी भी वर्ग के साथ सामाजिक भेदभाव नहीं रहा।