Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजतुम देश की एकता व अखंडता के लिए ख़तरा हो: इरफ़ान हबीब को नोटिस,...

तुम देश की एकता व अखंडता के लिए ख़तरा हो: इरफ़ान हबीब को नोटिस, AMU में दिया था ज़हरीला भाषण

इरफ़ान हबीब के कई ज़हरीले बयान अख़बारों में भी छपे हैं, ऐसा अधिवक्ता की नोटिस में दावा किया गया है। उन्होंने इरफ़ान हबीब से 7 दिनों के भीतर बिना शर्त माफ़ी माँगने को कहा है। अगर हबीब ने माफ़ी नहीं माँगी तो वे उनके ख़िलाफ़ लीगल एक्शन लेने के लिए बाध्य होंगे।

आपको याद होगा कि हाल ही में इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान के साथ दुर्व्यवहार किया था। इरफ़ान हबीब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान पर झपट पड़े थे और उनका कॉलर पकड़ कर नोचना चाहते थे। जब ख़ान ने मौलाना आज़ाद का जिक्र किया तो भड़के इरफ़ान हबीब ने कहा कि वो इन्हें नहीं सुनेंगे। अब इरफ़ान हबीब को उनके कई ज़हरीले बयानों के कारण यूपी के एक अधिवक्ता ने नोटिस भेजी है। आरोप है कि उनके बयानों से देश की अखंडता और सम्प्रभुता को ख़तरा पहुँचा है।

88 वर्षीय इरफ़ान हबीब पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ़ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उपनाम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी भला-बुरा कहा। लेकिन इससे भी बड़ा आरोप है कि लोगों को भड़का कर वो देश की अखंडता को नुकसान पहुँचाने का काम कर रहे हैं। अलीगढ़ सिविल कोर्ट के अधिवक्ता ने ये नोटिस भेजी। इरफ़ान हबीब ने ये ज़हरीला भाषण एएमयू में दिया था। एएमयू पहले से ही विवादित यूनिवर्सिटी रहा है और सीएए विरोध के दौरान भी यहाँ हिंसा भड़क गई थी।

वकील संदीप कुमार गुप्ता ने अपनी नोटिस में आरोप लगाया है कि सोमवार (जनवरी 13, 2020) को इरफ़ान हबीब के दिए भाषण से देश की ‘अखंडता और विविधता’ को ख़तरा पहुँचा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ये भाषण देश की सम्प्रभुता को भी ठेस पहुँचाने वाला है। गुप्ता ने अपनी नोटिस में इरफ़ान हबीब को सम्बोधित करते हुए लिखा है:

“आपने अमित शाह को सलाह दी कि वो अपने नाम से ‘शाह’ उपनाम हटा लें। आपने कहा कि ये फ़ारसी शब्द है। आपने ये भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन मुस्लिमों पर हमला करने के लिए किया गया। आपने वीर सावरकर को देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया। क्या आपको नहीं पता कि ‘टू नेशन थ्योरी’ मोहम्मद अली जिन्ना के दिमाग की उपज थी? आपने स्वच्छ भारत अभियान में महात्मा गाँधी के चश्मे के प्रयोग का मखौल उड़ाया।”

इसके अलावा इरफ़ान हबीब के कई ज़हरीले बयान अख़बारों में भी छपे हैं, ऐसा अधिवक्ता की नोटिस में दावा किया गया है। उन्होंने इरफ़ान हबीब से 7 दिनों के भीतर बिना शर्त माफ़ी माँगने को कहा है। उन्होंने कहा है कि अगर हबीब ने माफ़ी नहीं माँगी तो वे उनके ख़िलाफ़ लीगल एक्शन लेने के लिए बाध्य होंगे। इरफ़ान हबीब ने ये बयान सीएए के विरोध में दिए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -