Sunday, November 17, 2024
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बौखलाया पाक आतंकियों से पूछ रहा- चूड़ियॉं भिजवा दें, कश्मीर पर डोभाल ने दिया हर सवाल का जवाब

आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद राज्य में सामान्य होते हालात का एनएसए ने दिया पूरा ब्यौरा। सैन्य प्रताड़ना पर दुष्प्रचार का भी दिया जवाब। कहा- अपनी हिरासत को अदालत में चुनौती दे सकते हैं नेता।

जम्मू-कश्मीर को लेकर हरेक सवाल का जवाब शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह पाकिस्तान राज्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है और अपने मंसूबे पूरे होते नहीं देख वह बौखलाया हुआ है।

डोभाल ने बताया, “सीमा से 20 किमी की दूरी पर पाकिस्तान के कम्युनिकेशन टावर हैं। हमने उनकी बातचीत सुनी है जिसमें कह रहे हैं कि तुम लोग क्या कर रहे हो? वहॉं (कश्मीर में) इतने सारे सेब से भरे ट्रक कैसे चल रहे हैं? तुम लोग उन्हें बंद नहीं कर सकते। तुम्हारे लिए क्या अब चूड़ियॉं भिजवा दें?”

बकौल डोभाल श्रीनगर से रोजाना 750 ट्रक गुजर रहे हैं। दहशत पैदा करने के लिए आतंकी दुकानदारों और सेब बगान के मालिकों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में दुकान खोल रहे एक व्यक्ति को आतंकियों ने गोली मार दी। गुरुवार को फल व्यापारी हमीदुल्लाह को आतंकी निशाना बनाने की कोशिश में थे। लेकिन, वे नमाज पढ़ने गए थे और आतंकियों को नहीं मिले। आतंकियों ने सोपोर में ढाई साल की बच्ची आस्मा को गोली मार दी। डोभाल ने बताया कि उसकी हालत नाजुक है और उसे इलाज के लिए एम्स दिल्ली लाने के निर्देश दिए गए हैं।

कैसे हैं हालात?

राज्य के 199 थाना क्षेत्रों में से केवल 10 में ही अब निषेधात्मक प्रतिबंध हैं। लैंडलाइन सेवा पूरी तरह बहाल कर दी गई है। 92.5 फीसदी इलाका प्रतिबंध से मुक्त है। प्रतिबंध पूरी तरह हटाया जाना इस बात पर निर्भर करता है कि भविष्य में पाकिस्तान कैसी हरकतें करता है।

हिरासत में नेता क्यों?

डोभाल ने बताया कि राजनीतिक दलों के लोगों को कानून के अनुसार हिरासत में लिया गया है। वे अपनी हिरासत को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसी पर भी आपराधिक या राजद्रोह का मामला दर्ज नहीं किया गया है। उन्हें कानून-व्यवस्था की स्तिथि काबू में रखने के लिए एहतियातन हिरासत में लिया गया। आशंका थी कि आतंकी उनकी सभाओं का फायदा उठा सकते हैं।

आर्टिकल 370

डोभाल के अनुसार बहुसंख्यक कश्मीरी आबादी आर्टिकल 370 हटाए जाने के पक्ष में है। वे जानते हैं कि इससे भविष्य में तरक्की के दरवाजे खुलेंगे। रोजगार के मौके पैदा होंगे। कुछ गिने-चुने लोग जो राज्य में शांति नहीं देखना चाहते इस फैसले का विरोध कर रहे।

सैन्य प्रताड़ना का सवाल नहीं

डोभाल ने कहा कि सेना द्वारा किसी को प्रताड़ित करने का सवाल ही नहीं उठता। सेना की भूमिका आतंकियों से निपटने तक ही सीमित है। कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य पुलिस और कुछ केंद्रीय बलों के हाथ में है।

आतंक ही पाक का हथियार

डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान के पास सिर्फ आतंकवाद ही हथियार है और उसे हम कामयाब नहीं होने देंगे। सीमा पार आतंकियों के सक्रिय होने की पुष्टि करते हुए कहा कि 230 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। इनमें से कुछ पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी की मौत की केवल एक घटना छह अगस्त को हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ है कि उसकी भी मौत गोली लगने से नहीं हुई।

प्रोपगेंडा से सावधान

डोभाल ने कहा पाकिस्तान एक तरफ कश्मीर के हालात खराब करने की लगातार कोशिश कर रहा है, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रोपगेंडा भी फैला रहा है। कुछ लोग एकाध घटनाओं और अपुष्ट जानकारी के आधार पर इसे आगे बढ़ा रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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