Sunday, November 17, 2024
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नल्हड़ मंदिर में 51 लोगों ने किया जलाभिषेक, पुलिस कह रही – यात्रा की अनुमति नहीं: सड़क पर रोके गए संत अनशन पर बैठे, पूछा – हिन्दुओं को ही क्यों रोक रहे?

"अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस पर यहाँ दो बार हमला हो चुका है। इसमें 5-6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस पर फायरिंग लोग अपराधियों को छुड़ा ले गए। क्या यहाँ की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है।"

हरियाणा के मेवात के नूहं में हिंदू संगठनों ने इस सावन के अंतिम सोमवार (28 अगस्त, 2023) को बृजमंडल यात्रा पूरी करने का ऐलान किया था। पुलिस ने एक बार फिर से दोहराया है कि नूहं में यात्रा की अनुमति नहीं है। वहीं बताया जा रहा है कि पुलिस की अनुमति से 51 लोगों ने जलाभिषेक किया। इस यात्रा में शामिल होने अयोध्या से आए संत को प्रशासन ने गुरुग्राम में रोक दिया। इससे नाराज होकर वह आमरण अनशन पर बैठ गए।

‘विश्व हिंदू परिषद’ ने जलाभिषेक यात्रा को प्रतीकात्मक रूप से पूरा करने का ऐलान किया है। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने सोमवार (28 अगस्त, 2023) सुबह साधु-संतों व विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को मंदिर में जाकर जलाभिषेक करने की अनुमति दे दी। वहीं जलाभिषेक के लिए पुलिस नूहं बाईपास से 3 गाड़ियों के जरिए 51 लोगों को लेकर नल्हड़ मंदिर गई। वहाँ लोगों ने पटौदी आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव तथा विहिप (VHP) नेता आलोक कुमार की अगुवाई में जलाभिषेक किया।

‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी रिपोर्ट में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि उन्हें हिंसा की तैयारी से जुड़ा इनपुट मिला है। हिंसा की प्लानिंग नल्हड़ मंदिर के आसपास की गई है। ऐसे में प्रशासन ने शाम 4 बजे तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी है। हालाँकि, स्थानीय लोगों को उनके पहचान पत्र के आधार पर मंदिर में जाने की इजाजत दी गई।

वहीं, अयोध्या से आए संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज को पुलिस ने गुरुग्राम के सोहना टोल पर रोका है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है, “मैं अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि की मिट्टी और सरयू का जल व सभी तीर्थों का जल लेकर आया हूँ। पूर्व में ‘बजरंग दल’ और विहिप के कार्यकर्ताओं को मारा गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए घटना स्थल पर मुझे श्रद्धांजलि देना था। इसके बाद सरयू जल से जलाभिषेक करने के बाद वापस जाना था।”

उन्होंने आगे कहा है, “मेरे साथ बहुत सारे वाहन और लोग थे। धारा 144 लागू होने की जानकारी मिलने के बाद मैंने सभी को वापस भेज दिया। अब 2-3 लोग ही हमारे साथ हैं। प्रशासन ने हमें रोक लिया। हम यहीं से श्रद्धांजलि देकर वापस जाना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने हमें वापस भी नहीं जाने दिया। इसलिए मैं आमरण अनशन पर बैठा हूँ। जब तक जलाभिषेक और श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं मिलती तब तक मैं यहाँ बैठा रहूँगा। यदि अपमान पूर्वक हमें उठाकर कहीं फेंका जाएगा तो जहाँ रहेंगे वहीं आमरण अनशन करेंगे।”

पुलिस पर हमले का दावा करते हुए संत परमहंस आचार्य महाराज ने आगे कहा है, “अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस पर यहाँ दो बार हमला हो चुका है। इसमें 5-6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस पर फायरिंग कर अपराधियों को छुड़ा ले गए। क्या यहाँ की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है। हरियाणा सरकार फेल हो गई है। सनातनियों को इस तरह रोका जा रहा है। किसी और धर्म के लोगों को तो कभी नहीं रोका गया। केवल हिंदुओं को ही क्यों रोका जा रहा है? हमारा कहना है कि शांति से कुछ लोगों को तो जाने ही दिया जाए।”

नल्हड़ मंदिर और उसके आसपास के मौजूदा हालात को लेकर ऑपइंडिया ने स्थानीय निवासी नितिन कुमार से बात की। इस बातचीत में नितिन ने बताया है कि वहाँ किसी को भी बाहर से आने नहीं दिया जा रहा। जगह-जगह पुलिस खड़ी हुई है। स्थानीय लोग भी बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। पुलिस ने रविवार (27 अगस्त, 2023) शाम से ही दुकान बंद करने के लिए कह दिया था। इंटरनेट तो बंद ही है। मैसेज भी नहीं जा रहे हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर धारा 144 लागू कर, भारी संख्या में पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियाँ नल्हड़ मंदिर के आस-पास से लेकर मस्जिद और नूहं की सीमाओं पर तैनात कर दी थी। साथ ही 28 अगस्त रात 12 बजे तक बल्क एसएमएस और इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गईं हैं। सोमवार को सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थाएँ, बैंक, दुकानें आदि भी बंद रखने के आदेश जिला उपायुक्त ने दिए हैं। उपायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वह धैर्य व शांति का परिचय दें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि में शामिल न हों।

बता दें कि हरियाणा के मेवात के नूहं में 31 जुलाई को इस्लामिक भीड़ के हमले के चलते हिंदुओं की ‘बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा’ अधूरी रह गई थी। इस हमले में 6 लोगों की जानें चली गई थीं। वहीं अब G-20 की वजह से सुरक्षा व्यवस्था, शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतीकात्मक रूप से पूरा किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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