गाजियाबाद में अब्दुल समद नाम के बुजुर्ग की पिटाई और उसकी दाढ़ी काट लेने के मामले में लोनी थाने की पुलिस ने इंतजार और सद्दाम नाम के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। सद्दाम और इंतजार से पूछताछ जारी है। सद्दाम भी घटना वाले दिन मौके पर मौजूद था। सद्दाम ही वो व्यक्ति है, जो पीड़ित अब्दुल समद को स्कूटी पर लेकर बंथला गाँव स्थित परवेश गुज्जर के घर पहुँचा था। सद्दाम के बयान से साफ है कि अब्दुल समद ताबीज बेचने का काम करता था।
ये भी खुलासा हुआ है कि सद्दाम के जीजा इंतज़ार ने अब्दुल समद को परवेश गुज्जर से मिलवाया था। इंतजार, अब्दुल समद का एजेंट के रूप में काम करता था। अपने बयान में सद्दाम ने बताया है कि अब्दुल समद के ताबीज़ से उसके बेटे पर भी बुरा असर हुआ था। उसके बेटे की भी तबीयत खराब हुई थी। अब्दुल समद तीन बार परवेश गुज्जर से मिल चुका था, जबकि अपनी शिकायत में उसने बताया था कि उसे ऑटो से अज्ञात लोग पकड़ कर ले गए थे, जिसके बाद मारपीट की गई थी।
परवेश ने आदिल को बुलाया, फिर इंतजार को। इसके बाद वहाँ दस-बारह लड़के पहुँच गए थे। इनमें से कल्लू नाम के आरोपित ने बुजुर्ग की दाढ़ी काटी थी। सद्दाम ने बताया कि उस वक़्त वो भी वहाँ मौजूद था। पुलिस अब तक इस मामले में कुल 5 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। साथ ही बुजुर्ग अब्दुल समद के पास से कई जादू-टोने के सामान मिले हैं। इससे साफ़ है कि वो ताबीज़ और वशीकरण का धंधा करता था।
इधर इस पूरे मामले में ‘जय श्री राम’ को बदनाम करने की साजिश रचने वाले स्थानीय सपा नेता उम्मेद इदरिश पहलवान के खिलाफ FIR दर्ज कर के उसकी तलाश शुरू कर दी गई है। FIR के अनुसार, उसने ही सबसे पहले बुजुर्ग के साथ अनावश्यक वीडियो बनाया गया और इसे वायरल करने के लिए इसमें धार्मिक वैमनस्यता फैलाने वाली बातें कही। आरोप है कि घटना की सत्यता जाँचे बिना ही वीडियो में धार्मिक आधार पर बातें की गईं।
आरोप लगाया गया है कि इस वीडियो के कारण जनता की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं। साथ ही धार्मिक विभाजन के लिए इसे वायरल किया गया, जिसका फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स ने भी कोई फैक्ट-चेक नहीं किया। उम्मेद पहलवान के खिलाफ IT एक्ट की धाराएँ भी लगाई गई हैं। फ़िलहाल वो फरार है। उसे फेसबुक पर लिखा है कि उसके खिलाफ ‘फर्जी मुकदमा’ दायर किया गया है, क्योंकि उसने 72 साल के बुजुर्ग की मदद की है।
उधर गाजियाबाद मामले में अब अब्दुल समद का एक वीडियो सामने आया है, जिससे पता चल रहा है कि वो ताबीज का कारोबार करता था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने अब्दुल समद की पिटाई से पहले का वीडियो जारी किया है। इसमें वो कहता दिख रहा है, “इंतजार ने कह कर भेजा कि इन्हें ताबीज़ देकर मेरे वश में कर दो, इनसे मेरा काम है।” इसमें वशीकरण और ताबीज की बातें हो रही हैं।