जो लोग कहते हैं कि फिल्मों का हमारे वास्तविक जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता है और उन्हें कला के नाम पर जो आवश्यक लगे वो दिखाने की आजादी दी जानी चाहिए। इस प्रकार का ज्ञान लिखने या सुनाने वाले लोग ऐसा करते समय इसके दूसरे पहलू से आँखें बंद कर लेना बेहतर समझते हैं। लेकिन ओरमाँझी में जो वीभत्स घटना घटी है, वह इस दावे पर मोहर लगाती है कि समय के साथ भारतीय सिनेमा का जो स्वरुप बदला है, उसने समाज पर अपना पूरा प्रभाव छोड़ा है।
झारखंड की राजधानी राँची स्थित ओरमाँझी से कुछ ही दिन पहले एक युवती की सिर कटी लाश बरामद हुई थी। इस युवती के हत्यारे आरोपित शेख बेलाल ने कहा है कि उसे हाल ही में विवाद के कारण चर्चा में आई वेब सीरीज ‘आश्रम’ ने ऐसा करने की प्रेरणा दी और इसे देखकर ही उसने इस क्रूरता को अंजाम दिया।
रविवार (जनवरी 10, 2021) को जिराबार जंगल से एक युवती की सिर कटी हुई लाश मिली थी, जो नग्न अवस्था में थी। सिर न मिलने के कारण मृतका की पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस ने मामले में आरोपित बिलाल खान उर्फ शेख बेलाल की तलाश की और उसे दबोचने में कामयाब रही।
लाश मिलने के बाद राँची के पुलिस अधीक्षक नौशाद आलम ने बताया था कि उन्हें निर्वस्त्र अवस्था में महिला की सिर कटी लाश मिली और युवती का कटा हुआ सिर उसके पहले पति बिलाल खान के खेत से बरामद किया। युवती का सिर बिलाल खान के खेत में दफ़नाया गया था, जिसे पुलिस अधिकारियों ने खोद कर निकलवाया।
इस हत्या की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने हत्या के तरीके से कयास लगाए हैं कि फ़िल्मी तरीके से बिलाल ने हत्या के बाद युवती की लाश की पहचान ना हो सके, इसलिए उसका धड़ और सिर अलग-अलग जगहों पर दो किलोमीटर दूर फेंक दिए। पुलिस का कहना है कि ‘आश्रम’ वेब सीरीज के पहले भाग की थीम की तरह ही इस हत्या को भी अंजाम दिया गया और जंगल में हत्या कर लाश को ठिकाने लगाया गया। पुलिस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि पहले युवती की गला दबाकर हत्या की गई, उसके बाद सिर और चेहरे पर 15 बार वार किए गए।
उल्लेखनीय है कि निर्देशक प्रकाश झा और अभिनेता बॉबी देओल की ‘आश्रम’ वेबसीरीज की कहानी ड्रग्स, बलात्कार, नरसंहार और राजनीति से सम्बंधित है और फिल्म में ‘बाबा’ को सनातन धर्म का बाबा दिखाकर हिंदुत्व को बदनाम करने का जमकर प्रयास किया गया।
‘आश्रम’ के रिलीज होने के साथ ही इसकी पटकथा और हिन्दूघृणा चर्चा का विषय रही। इसमें कई ऐसे दृश्य भी डाले गए जो सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुँचाते हैं।