उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में सैकड़ों मुस्लिमों ने एक प्राइवेट बैंक पर अपने पैसे हड़पने का आरोप लगाया है। मुख्य आरोपित का नाम मोहम्मद फ़ैज़ी है। फ़ैज़ी ‘अल फैज़ान मुस्लिम फंड लिमिटेड’ नाम से नगीना इलाके में चिटफंड कम्पनी चला रहा था। वह मुस्लिमों के पैसे शरिया कानून से जमा करने के लिए जाना जाता था।
बिजनौर
— Satyamev News (@satyamevnewstv) January 11, 2022
गरीबों की खून पसीने की जमा पूंजी चिट फंड लेकर हुआ फरार
गरीब खाताधारकों के लाखों रुपए मुस्लिम फंड दफ्तर के ताले लगाकर हुआ रफू चक्कर
बंद मुस्लिम फंड दफ्तर के बाहर खाताधारकों ने किया हंगामा@bijnorpolice @dmbijnor @Uppolice pic.twitter.com/P2I96ot4Yu
जानकारी के मुताबिक आरोपित नगीना के मोहल्ला लाल सराय में रहता था। वह इसी क्षेत्र में लगभग 5 वर्ष से मुस्लिम फंड चलाता था। शरिया कानून के मुताबिक ब्याज हराम है। इसी के चलते कई मुस्लिमों ने अपने पैसे फ़ैज़ी के पास जमा कर रखे थे। ज्यादा से ज्यादा पैसे जमा करवाने के लिए आरोपित ने कुछ एजेंट भी नियुक्त किए थे। अनुमान के मुताबिक जमा की गई राशि करोड़ों में हो सकती है।
अब तक लगभग 170 लोगों ने मोहम्मद फ़ैज़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फ़ैज़ी ने नगीना स्थित अपने घर को बेच दिया है और विदेश भाग गया। शनिवार (15 जनवरी) को फ़ैज़ी के ऑफिस की तलाशी के दौरान पुलिस को बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बैनर बरामद हुए हैं। ऑफिस के बाहर बैंक ऑफ़ बड़ौदा का कस्टमर केयर बोर्ड भी मिला है। कुछ पड़ोसियों का कहना है कि फ़ैज़ी कुछ सालों से बैंक ऑफ़ बड़ौदा का ग्राहक सेवा केंद्र भी चला रहा था। इसी की आड़ में उसने कई लोगों को मुस्लिम फंड में पैसे जमा करने का प्रलोभन दिया था।
घटना के लगभग 6 दिन बीत जाने के बाद पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस ने अदालत से सर्च वारंट ले कर फ़ैज़ी के ऑफिस की तलाशी ली। कुछ जरूरी सामन कब्ज़े में ले कर ऑफिस कर दिया गया है। कुछ मीडिया संस्थानों का दावा है कि दिल्ली पुलिस की एक टीम फ़ैज़ी की तलाश में दिल्ली एयरपोर्ट भी गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय थाना प्रभारी नगीना कृष्ण मुरारी ने फ़ैज़ी और एक अन्य पर IPC की धाराओं में केस दर्ज कर के 2 लोगों को हिरासत में रख कर पूछताछ करने की बात कही है।
पूछताछ के लिए बुलाया था एजेंटों को – SHO नगीना
ऑपइंडिया ने नगीना थाना प्रभारी से बात की। उन्होंने बताया, “एजेंटों को फ़ैज़ी के बारे में जानकारी के लिए बुलाया गया था। थाने से ही पूछताछ के बाद पहले ही दिन उन्हें वापस जाने दिया गया था। मुख्य आरोपित फ़ैज़ी है जिसकी तलाश की जा रही है।”
पुलिस टीम नहीं गई थी दिल्ली एयरपोर्ट – DSP नगीना
ऑपइंडिया ने इस खबर की पुष्टि के लिए बिजनौर जिले के नगीना क्षेत्र के डिप्टी SP से बात की। उन्होंने बताया, “कोई भी पुलिस टीम दिल्ली एयरपोर्ट नहीं गई थी। आरोपित के विदेश भागने की आशंका की कोई आधिकारिक इनपुट भी नहीं है। हमने हर पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लिया है। हम आरोपित की तलाश कर रहे हैं। उसके बारे में जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं। शायद कुछ मीडिया संस्थानों ने फ़ैज़ी की संस्था में काम करने वाले एजेंटों की गिरफ्तारी की बात कही है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। एजेंट सैलरी पर मात्र कम्पनी के स्टाफ भर थे। उनका इस मामले में ऐसा कोई दोष अभी तक निकल कर सामने नहीं आया है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए।””
DSP सुमित शुक्ला ने ऑपइंडिया को बताया, “आरोपित फ़ैज़ी है, जिसकी तलाश की जा रही है। उसकी संस्था कानपुर के चिटफंड ऑफिस से रजिस्टर्ड थी। वो लगभग 5 साल से नगीना और आसपास के इलाकों में इसे ऑपरेट कर रहा था। अब तक की जाँच में ऐसे कोई बड़े नाम नहीं सामने आए हैं, जिनके पैसे लाखों या करोड़ों में हों। अधिकतर शिकायतकर्ताओं द्वारा उनके द्वारा जमा पैसों के प्रमाण भी नहीं दिए गए हैं। फरार आरोपित फ़ैज़ी के बैंक खातों की भी जाँच में कोई इतना अधिक पैसा नहीं मिला, जितना कि कुछ लोगों ने सनसनी फैलाई। कुछ मीडिया संस्थानों में आरोपित द्वारा घर बेचने की बात लिखी गई। जब हम जाँच करने पहुँचे तो वहाँ कोई खरीदार ही नहीं मिला।”
क्या है मुस्लिम फंड
इस्लामी कानूनों (शरीयत) में जमा-पूँजी पर ब्याज कमाना गैर-इस्लामी करार दिया जाता है। इसी के चलते कई मुस्लिम परिवार बैंकों में पैसा जमा नहीं करते। इन लोगों को ऐसे संस्थानों की तलाश रहती है, जो ब्याज फ्री हों। इसी सुविधा को दिलाने के नाम पर कुछ निजी संस्थाएँ सक्रिय हैं। इन्हें ही मुस्लिम फंड बैंक कहा जाता है।
बिजनौर जिले में मुस्लिम आबादी 43% से भी ज्यादा है। इसके साथ ही आसपास के जिलों में भी मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है। आरोप है कि आरोपित मोहम्मद फ़ैज़ी ने अल फैज़ान मुस्लिम फंड लिमिटेड नाम की संस्था ने कई लोगों को विश्वास में लिया और उनके पैसे जमा करवाए।