शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (3 फरवरी 2023) को पूर्व केंद्रीय मंत्री व कॉन्ग्रेस नेता पी चिदंबरम (P. Chidambaram) की पत्नी नलिनी चिदंबरम (Nalini Chidambaram) की संपत्ति सहित कई लोगों की संपत्तियाँ जब्त की।
#BREAKING | ED attaches assets of Nalini Chidambaram, wife of Congress leader P Chidambaram, in Saradha money laundering case. #SaradhaScam #SaradhaGroupFinancialScandal pic.twitter.com/g02D3N1Vqc
— Republic (@republic) February 3, 2023
ईडी ने अपने बयान में कहा, ”शारदा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नलिनी चिदंबरम, माकपा के पूर्व विधायक देवेन्द्रनाथ विश्वास और असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्ता की कंपनी ‘अनुभूति प्रिंटर और पब्लिकेशन’ जैसे लाभार्थियों के 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।”
एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि धनशोधन निवारक अधिनियम (PMLA: Prevention of Money Laundering Act) के तहत इन लाभार्थियों की 3.30 करोड़ की चल संपत्ति और 3 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। यह मामला शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़ा हुआ है। ईडी इस मामले में अब तक 600 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुका है। ईडी ने कहा:
“इस समूह की कंपनी ने कुल 2,459 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसमें से ब्याज को छोड़कर 1,983 करोड़ रुपए अब तक जमाकर्ताओं को लौटाए गए हैं।”
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने लोगों को ठगने के लिए कई लुभावने अवसर दिए थे। कुछ ही महीनों में रकम दोगुनी करने का सब्ज़बाग दिखाया गया था। करीब 10 लाख लोगों से पैसे लिए गए और जब लौटाने की बारी आई तो कंपनी ताला लगा कर भाग चुकी थी।
शारदा ग्रुप ने कई निवेश योजनाओं को बढ़ावा देकर पैसा इकट्ठा करना शुरू किया, जिसमें पर्यटन पैकेज, फॉरवर्ड ट्रैवल, होटल बुकिंग, क्रेडिट ट्रांसफर, रियस एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और मोटरसाइकिल निर्माण से जुड़ी कई योजनाएँ शामिल थीं। साल 2009 में बाज़ार नियामक सेबी का ध्यान शारदा ग्रुप पर गया था।