मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर सूरत जाते हुए मनोर के पास बुधवार (मई 13, 2020) को हुए सड़क हादसे में दिग्विजय त्रिवेदी नाम के वकील की दर्दनाक मौत हो गई। पालघर साधु लिंचिंग में यही साधुओं के वकील थे।
#Palghar Sadhu lynchings- Adv Digvijay Trivedi, A lawyer pleading on behalf of deceased Sadhus killed in a road accident. @OfficeofUT @AnilDeshmukhNCP @DGPMaharashtra @Palghar_Police are U following this news? How many real brains behind lynching still at large? Is this planned? pic.twitter.com/kqCrjejdrY
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) May 14, 2020
इस घटना में वकील के बगल में बैठी महिला के भी गंभीर रूप से घायल होने की सूचना है। हालाँकि महिला कौन हैं, उनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है। मगर, कासा के एक सरकारी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
महाराष्ट्र टाइम्स के मुताबिक, ये हादसा मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर मनोर में मेंडवान ब्रिज के पास हुआ। जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय त्रिवेदी ही गाड़ी चला रहे थे और इसी दौरान कार का नियंत्रण खोया और गाड़ी पलट गई, जिस कारण त्रिवेदी की मौके पर ही मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, दिग्विजय त्रिवेदी राजनैतिक पार्टी बहुजन विकास अघाड़ी का लीगल सेल संभालते थे। इनकी मृत्यु के बाद ट्विटर पर पालघर मामले को लेकर सवाल उठाया जा रहा है और महाराष्ट्र सीएम, पालघर पुलिस, महाराष्ट्र डीजीपी को टैग करके पूछा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर होने वाली लिंचिंग में किस-किस का हाथ है? क्या ये सब योजनाबद्ध है?
अब तो यह साज़िश लग रही है, आशा है अब @rsprasad @AmitShah जी संज्ञान ले, इसे सीबीआई की जांच करवाएंगे? https://t.co/sxYKNcTEX3
— ਪੰਜਾਬੀ (@HasdaaPunjab) May 14, 2020
कुछ यूजर इस घटना को सोशल मीडिया पर सीधे तौर पर हत्या बता रहे हैं और कुछ लोग इस मामले को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी या सीबीआई को सौंपने की बात कह रहे हैं।