कॉन्ग्रेस पार्टी से सहानुभूति रखने वाले वकील तहसीन पूनावाला ने एक यौन शोषण के आरोपित के लिए धनराशि जुटाने के लिए मुहिम चलाया। उन्होंने हरियाणा के पानीपत में लोगों की पिटाई से घायल अखलाक के भाई इकराम सलमानी के बैंक अकाउंट डिटेल्स शेयर किए और कहा कि उसने अपना एक हाथ खो दिया है और उसे इलाज के लिए एम्बुलेंस से चंडीगढ़ ले जाया जा रहा है। साथ ही लोगों से उसकी मदद के लिए रुपए दान करने की अपील की।
उन्होंने ये भी दावा किया कि वो अखलाक के परिवार से लगातार संपर्क में हैं और लोगों को वस्तुस्थिति के बारे में अपडेट करते रहेंगे। कई लोगों ने उन पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वो अखलाक के छेड़छाड़ आरोपित होने के बावजूद उसके लिए सिर्फ इसीलिए फण्ड जुटा रहे हैं, क्योंकि वो मुस्लिम है? लोगों ने पूछा कि आखिर उन्हें ऐसे अपराध के आरोपित से कैसी सहानुभूति है? बता दें कि इस मामले में पुलिस का कुछ और कहना है।
अखलाक के भाई ने पानीपत के थाने में जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें दावा किया गया है कि लोगों को जैसे ही पता चला कि अखलाक मुस्लिम है, कुछ लोगों ने उस पर हमला कर दिया और उसका हाथ काट डाला। हालाँकि, पुलिस का ये भी कहना है कि इस मामले में कोई भी ऐसा चश्मदीद गवाह नहीं है, जो इस बयान को सही ठहरा सके। अखलाक को उसके परिवार वाले उसके घर यूपी के सहारनपुर लेकर चले गए।
पीड़ित बच्चे ने आरोप लगाया है कि अखलाक ने उसके मुँह में अपना लिंग घुसाने की कोशिश की थी। पानीपत के एसीपी सतीश कुमार वत्स ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अखलाक पर एक नाबालिग लड़के के अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
बच्चे के चाचा ने कहा है कि लड़के ने उसके दो दांत तोड़ दिए थे और उसके शरीर पर हमले के निशान थे। पुलिस के अनुसार, अखलाक संभवतः घायल अवस्था में भागा होगा और रेलवे ट्रैक पर खुद को घायल कर लिया। पुलिस शक कर रही है कि शायद आरोपी का भाई सोशल मीडिया पर घटना को सांप्रदायिक रंग दे रहा है।
चूँकि पॉस्को एक्ट के तहत तुरंत गिरफ़्तारी की जाती है, पुलिस का भी कहना है कि उसे गिरफ्तार किया जाएगा। इस मामले में पुलिस का कहना है कि अखलाक पर आरोप है कि उसने 23-24 अगस्त की रात 7 साल की एक बच्ची का अपहरण कर लिया, जो अपने परिवार के साथ सोई हुई थी। इसके बाद उसने उस बच्ची के साथ यौन दुर्व्यवहार किया। बच्ची का घर रेलवे ट्रैक के पास ही है। परिवार का कहना है कि उन्होंने बच्ची को तो बचा लिया लेकिन अखलाक भाग निकलने में कामयाब रहा।
Update:#Akhlaq Salmani, whose hand was allegedly chopped off, is about to reach PGI #Chandigarh in the ambulance in the next 30 mins & his treatment shall begin. I am in touch with with his brother Ikram Salmani & I shall try and update all of you.
— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) September 12, 2020
Send him healing vibes.
पुलिस अधिकारी सतीश कुमार वत्स ने बताया है कि इस मामले में दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस को अंदेशा है कि बच्ची के परिवार वालों से बच कर भागने के दैरान ही वो जख्मी हुआ होगा। हालाँकि, उसके भाई का कहना है कि अखलाक के हाथ पर 786 लिखा हुआ था, इसीलिए कुछ लोगों ने उसकी पिटाई की। उसने इसे साजिश बताया और कहा कि जब वो पुलिस के पास गए तो उन्होंने इसे रेलवे पुलिस का मामला बताया।
पत्रकार इरीना अकबर ने इसे 2015 में अखलाक की हत्या से जोड़ते हुए दावा किया कि उस अखलाक को बीफ के शक में मार डाला गया था और इसके 5 साल बाद 2020 में पानीपत में इस अखलाक को उसके हाथ पर 786 लिखे होने के कारण उसका हाथ काट डाला गया। पुलिस ये कह चुकी है कि इस दावे के समर्थन में कोई गवाह नहीं है, बावजूद इसके सोशल मीडिया पर ये झूठ फैलाया गया। ऊपर से उसकी मदद के लिए रुपए भी जुटाए जा रहे।
Akhlaq (barber) by profession was in Panipat, when goons attacked him for his Muslim name & later chopped off his hand with a chainsaw, seeing 786 tattooed on it. So much for sabka saath, sabka vishwas when Muslims are attacked over ‘tattoos’. SHAME! pic.twitter.com/d8DfZcv0EX
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) September 10, 2020
‘इंडियन मुस्लिम्स’ नामक ट्विटर हैंडल ने भी इस खबर को अखलाक के भाई इकराम के बयान के साथ शेयर किया और 786 वाली बात दोहराई। साथ ही दावा किया कि उसे इतना पीटा गया है कि उसके शरीर के हर हिस्से पर चोट है। दावा तो यह भी किया कि ये काम हिन्दुओं ने किया है, जिन्होंने अखलाक का हाथ काट कर उसे रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी ने भी इस दावे को आगे बढ़ाया।
Trigger warning
— Ali Khan Mahmudabad (@Mahmudabad) September 10, 2020
This news from end of Aug has been been ignored by a media that‘s cares more about #KanganaRanuat’s office!
Akhlaq was looking for work in Panipat.
After being beaten, his arm was cut off by a chainsaw as it had a 786 (num. equivalent of Bismillah…) tattoo. pic.twitter.com/AdOnsTioJG
उन्होंने लिखा कि भारत में जब मुस्लिमों पर हमले होते हैं तो ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ कहाँ चला जाता है? उन्होंने भी दावा किया कि अखलाक को उसके मुस्लिम नाम और हाथ पर 786 का टैटू गुदे होने के कारण निशाना बनाया गया। जहाँ ‘द क्विंट’ ने दोनों तरफ से एफआईआर में अलग-अलग बातें होने का दावा किया, ‘द वायर’ ने 786 वाली बात को टाइटल में रख कर चलाया। दोनों मीडिया पोर्टलों ने अखलाक के भाई के बयान को हाइलाइट किया।
इधर पानीपत पुलिस ने इस मामले में जाँच के लिए एसआईटी का गठन कर लिया है। पानीपत की एसपी मनीषा चौधरी का कहना है कि अखलाक के भाई ने अपनी शिकायत में 786 के टैटू वाली बात दर्ज ही नहीं कराई। शिकायत में उसके भाई ने दर्ज कराया है कि पानी की तलाश में जब उसने एक घर का दरवाजा खटखटाया तो 4 लोगों ने उसकी पिटाई की और फिर हाथ काट कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। जब परिवार सहारनपुर पहुँचा, तब ये आरोप लगाए गए।
इस मामले में राजनीति भी हो रही है क्योंकि सहारनपुर मे बसपा सांसद फजलुर रहमान ने अखलाक के घर का दौरा किया और उसके परिवार से मुलाकात की। सपा जिलाध्यक्ष रुद्रसेन भी वहाँ पहुँचे। साथ ही भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष राज गौतम ने भी उसके परिवार से मुलाकात की। पुलिस का कहना है कि जाँच शुरू है और जल्द से अखलाक से भी जाँच में शामिल होने के लिए संपर्क किया जाए। लेकिन, इधर लिबरलों ने प्रोपेगंडा चालू कर दिया।