बिहार के पटना सिटी में 20 अप्रैल को लॉकडाउन विवाद में सन्नी गुप्ता की हत्या कर दी गई। हमले का मुख्य आरोपित मोहम्मद चॉंद अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। सन्नी का परिवार दहशत में है और अब मुस्लिम बहुल इलाके से पुश्तैनी घर बेचकर निकलने का रास्ता खोज रहा है।
सन्नी की हत्या ऐसे वक्त में की गई जब उसका परिवार शादी की तैयारियों में व्यस्त था। एक मई को सन्नी की बहन दीपिका की शादी तय थी। हालॉंकि लॉकडाउन के कारण इस पर संशय था। लेकिन परिवार में तैयारियॉं चल रही थी। सन्नी की हत्या के बाद शादी टाल दी गई है। यह जानकारी सन्नी के भाई दीपक गुप्ता ने दी।
पीड़ित परिवार ने शासन-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। दीपक गुप्ता के मुताबिक भले ही परिवार की सुरक्षा के नाम पर घर के बाहर पुलिस फोर्स तैनात है, लेकिन जब तक मुख्य आरोपित चाँद मोहम्मद गिरफ्तार नहीं हो जाता हम खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते।
इससे पहले दीपक ने ऑपइंडिया को बताया था कि चॉंद हथियारों का तस्कर है। उनका परिवार उसकी गुंडई का विरोध करते रहे हैं। इस कारण वे लोग उसके निशाने पर थे। दीपक के अनुसार घटना वाले दिन भी सन्नी के सिर में गोली चॉंद ने घर में घुसकर मारी थी।
हालॉंकि खाजेकलाँ थानाध्यक्ष सनोवर खां ने इन आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने बताया कि छह लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया था। इनमें से पॉंच को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। चॉंद मोहम्मद की तलाश जारी है। उन्होंने माना कि चॉंद का आपराधिक अतीत रहा है और उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामला गंभीर होने की बात कहकर उन्होंने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि सन्नी गुप्ता टेंट का व्यवसाय करते थे। तीन साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। दो साल का बेटा अनुराग और 4 महीने की एक बेटी आराध्या है। असल में 20 अप्रैल को लॉकडाउन पालन कराने को लेकर स्थानीय युवकों का एनसीसी कैडेट के साथ विवाद हो गया था। कैडेट्स पर पथराव किया गया जिसका सन्नी ने विरोध किया था।
चाँद की गिरफ्तारी और अन्य माँगों को लेकर पूर्व पार्षद बलराम चौधरी और निगम पार्षद शोभा देवी उपवास पर भी बैठे थे। पूर्व पार्षद बलराम चौधरी ने बताया कि सरकार से पीड़ित परिवार की सुरक्षा के साथ मुआवजा की माँग की गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है।