सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के विरोध में शाहीन बाग़ में चल रहे प्रदर्शन के खिलाफ आज दिल्ली के सरिता विहार और जसोला में लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। ये लोग उन सभी रास्तों को खोलने की माँग कर रहे हैं जो शाहीन बाग में करीब ढाई महीने से जारी विरोध प्रदर्शन के कारण बंद पड़े हैं। सरिता विहार, मदनपुर खादर और जसोला के स्थानीय लोगों ने फरीदाबाद सड़क के खुलने तक शाहीन बाग मेट्रो स्टेशन जाने वाली सड़क को बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है जब तक फरीदाबाद रोड नहीं खोली जाएगी वे शाहीन बाग़ जाने वाली सड़क को बंद रखेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फरीदाबाद सड़क खोलने की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रहे सरिता विहार, जसोला आदि इलाके के लोगों का कहना है कि जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से शाहीन, ठोकर संख्या 9 के कालिंदी कुंज जाने वाला मार्ग खुला है और इसकी वजह से जामिया, बटला हाउस और शाहीन इलाके के लोगों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ रही है। जबकि, दूसरे मोहल्ले के निवासियों को इससे कोई खास राहत नहीं मिली है। उनका कहना है कि फरीदाबाद रोड भी खोला जाए ताकि उन्हें भी राहत मिल सके।
इन प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जो रास्ता कल खोला गया था, उससे सिर्फ शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर लोगों को ही फायदा हुआ है, इसलिए उनकी भी परेशानी को समझते हुए प्रशासन फरीदाबाद रोड को खुलवाए। फरीदबाद की सड़क खोलने को लेकर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों में महिलाएँ भी शामिल हैं।
Delhi: Residents of Sarita Vihar and Jasola hold protest against the anti-CAA protests in #ShaheenBagh. The residents are demanding the opening of all the roads that have been closed due to protests in Shaheen Bagh. pic.twitter.com/FKS82J6Cs4
— ANI (@ANI) February 23, 2020
वहीं सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ दिल्ली के जाफराबाद में बीती रात से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच बीजेपी नेता और दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार रहे कपिल मिश्रा ने कहा है कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग नहीं बनने देंगे।
इससे पहले कल आधी रात से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन सड़क को जाम किये लोगों पर टिप्पणी करते हुए कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, “जाफराबाद में अब स्टेज बनाया जा रहा है। एक और इलाका जहाँ अब भारत का कानून चलना बंद। सही कहा था मोदी जी ने, शाहीन बाग एक प्रयोग था। एक-एक करके सड़कों, गलियों, बाजारों, मोहल्लों को खोने के लिए तैयार रहिए। चुप रहिए, जब तक आपके दरवाजे तक ना आ जाएँ, चुप रहिए।”