मूढ़मतियों के लिए एक पुरानी कहावत है कि भैंस के आगे बीन बजाने से कुछ नहीं होता। यदि आज के संदर्भ इस कहावत का मुकम्मल अर्थ जानना हो तो देश में मजहब की पट्टी बाँधकर ‘कोरोना बम’ बने समुदाय विशेष के लोगों की हरकतें देख लीजिए। सरकार जाँच के लिए अभियान चला इन्हें खोज रही है। इनकी जान बचाने के लिए कदम उठाए जा रहे। लेकिन ये अस्पताल को भी मजहब का केंद्र बना रहे हैं। वहाँ भी इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से नमाज अता कर रहे हैं।
दरअसल, तेंलगाना से कुछ तस्वीरें आई हैं। तस्वीरें हैदराबाद के गॉंधी अस्पताल की है। अस्पताल में संक्रमण संदिग्धों को क्वारंटाइन किया गया है जिससे उनके स्वास्थ्य की निगरानी रखी जा सके। मगर, समुदाय विशेष के लोगों का इससे कोई लेना-देना नहीं है कि उन्हें सुरक्षित रखने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है। वे सिर्फ अपनी मनमानी कर रहे हैं और इसी रवैये को बरकरार रखते हुए उन्होंने अस्पताल प्रशासन के निर्देशों को भी ताक पर रख दिया है। तस्वीरों में देख सकते हैं कि ये लोग मजहब को सबसे ऊपर मानकर सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर नमाज पढ़ रहे हैं।
Telangana: People who are under quarantine at Gandhi Hospital in Hyderabad offer namaaz. #COVID19 pic.twitter.com/oT2i3OmW5J
— ANI (@ANI) April 2, 2020
एएनआई द्वारा जारी तस्वीरों में देख सकते हैं कि अस्पताल में मरीजों के लिए बेड भी एक-एक मीटर की दूरी पर हैं। लेकिन फिर भी, सभी नमाजी एक जगह इकट्ठा हैं और एक साथ नमाज पढ़ रहे हैं। सोचिए अगर, इन्हें यही करने की इजाजत देनी होती तो अस्पताल में भर्ती क्यों कराया जाता। यही सब तो ये लोग बाहर भी कर रहे थे।
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को गाँधी अस्पताल से एक और विवादस्पद मामला आया था। तबलीगी जमात के मरकज से लौटे दो भाइयों में से एक की मौत हो गई। दूसरे भाई ने कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद डॉक्टर पर ही थूक दिया था। इनके परिवार ने डॉक्टर पर हमला किया।
बंगलुरु मिरर के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर अंजनि कुमार इसकी सूचना मिलते ही अस्पताल पहुँचे थे और उन्होंने हमलावरों को हिरासत में लेकर मामला शांत कराया था। बाद में हमलावर को आइसोलेट कर दिया गया। इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने असुरक्षित परिस्थियों पर डर जताया था। तब जाकर राज्य सरकार ने इस पर संज्ञान लिया और आश्वासन दिया कि आरोपित के ख़िलाफ़ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
इसी तरह दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भी मरकज से निकले लोगों द्वारा डॉक्टरों और इधर उधर थूक कर संक्रमण फैलाने का मामला सामने आया है। ये लोग जॉंच कराने और अस्पताल में भर्ती होने से भी आनाकानी कर रहे थे। इसके बाद अस्पताल में पुलिस की तैनाती करनी पड़ी।