दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने यमुना नदी किनारे छठ पूजा का आयोजन करने की अनुमति माँगने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। इस याचिका को छठ पूजा संघर्ष समिति ने दायर की थी। कोर्ट की अनुमति के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने बुधवार (8 नवंबर 2023) को कहा कि प्रतिबंध यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा, “पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं और यह (प्रतिबंध) नदी प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से है।” अदालत याचिका खारिज करने के पक्ष में थी। हालाँकि, याचिकाकर्ता ने इसे वापस लेने की अनुमति माँगी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
Delhi High Court refuses to entertain a plea seeking permission to organise Chhath Pooja along Yamuna bank. This petition was moved by Chhat Pooja Sangharsh Samiti.
— ANI (@ANI) November 8, 2023
न्यायमूर्ति प्रसाद दो संगठनों, छठ पूजा संघर्ष समिति और पूर्वांचल जागृति मंच द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इन संगठनों ने 9 अक्टूबर 2021 की दिल्ली सरकार की अधिसूचना को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया। याचिका में तर्क दिया गया कि यमुना किनारे छठ पूजा पर प्रतिबंध लगाने वाली अधिसूचना ने दिल्ली के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
वकील विजय शंकर दुबे के माध्यम से दायर याचिका में यमुना के तट पर छठ पूजा के आयोजन की अनुमति देने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने भी याचिका का विरोध किया। याचिका में कहा गया था कि अधिसूचना से दिल्ली में छठ पूजा करने वाले 30-40 लाख श्रद्धालु प्रभावित हुए हैं.