पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा छापेमारी के बाद हिरासत में लिए गए तमाम संदिग्धों से नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इन्हीं में से एक खुलासा यह भी है कि PFI राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) में भी अपनी घुसपैठ करना चाहता था। इस साजिश को अंजाम देने के लिए PFI लगभग 50 लोगों को ट्रेनिंग भी दे रहा था। इस साजिश का मकसद संघ की हर गतिविधि पर नजर रखना और बड़े नेताओं की जानकारियाँ जुटाना था।
दैनिक जागरण के मुताबिक संघ में घुसपैठ के लिए करवाई जा रही ट्रेनिंग में हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में जानकारी दी जा रही थी। इसी दस्ते को संघ के क्रियाकलापों और RSS से जुड़े लोगों के तौर तरीके भी सिखाए जा रहे थे।
मंगलवार (27 सितम्बर 2022 ) को स्पेशल टॉस्क फ़ोर्स (STF) ने छापेमारी के बाद लखनऊ के बख्शी का तालाब के पास मौजूद अचरामऊ से मोहम्मद फैज़ान, मोहम्मद सूफियान और रेहान को गिरफ्तार किया था। संघ के खिलाफ साजिश के सबूत इन आरोपितों के वाट्सएप और लैपटाप की जाँच के बाद मिले हैं।
PFI has a 50 member cell tasked with infiltrating RSS ranks. Members were trained in RSS shakha drills and rituals as well as were taught about Hindu deities. pic.twitter.com/gkwkA0YidR
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) October 2, 2022
आरोपितों के पास से पुलिस ने संघ से जुडी कुछ किताबें भी बरामद की हैं। इन सभी का मकसद संघ की शाखाओं में जा कर वहाँ होने वाली बातों को इस्लामी मुल्कों और अपने आकाओं को भेजना माना जा रहा है।
बताया ये भी जा रहा है कि ये सभी आरोपित अपने इलाके अचरामऊ और आस-पास PFI से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना चाहते थे। इन सभी का सरगना प्रधान अरशद बताया जा रहा है जो फिलहाल फरार चल रहा है। पुलिस की टीमें अरशद की तलाश में लगातार छापेमारी कर रहीं हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले लखनऊ से गिरफ्तार इन्हीं आरोपितों ने पुलिस के आगे कबूला था कि उनकी साजिश देश भर में बम ब्लास्ट की थी। इसके लिए दीपवाली का दिन चुना गया था जिसमें मंदिर और हिन्दू बहुल इलाके निशाने पर थे। इसी के साथ आरोपितों के निशाने पर कई हिन्दूवादी नेता भी बताए गए थे। इस साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपितों को बारूद बनाने और उसे ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही थी।