तबलीगी जमात के सदस्यों को क्वारंटाइन सेंटर से बाहर निकालने का मामला अब अदालत पहुँच गया है। जानकारी के मुताबिक, इस संबंध में आज यानी गुरुवार (मई 14, 2020) को दिल्ली के हाई कोर्ट में याचिका दर्ज हुई है।
Plea moved in Delhi High Court seeking immediate release of all persons related to Tabligi Jamaat, alleging that they are detained for more than 35 days in the name of quarantine centers. Matter to be heard tomorrow. pic.twitter.com/MFx6Kc0tIz
— ANI (@ANI) May 14, 2020
इस याचिका में आरोप लगाया गया कि तबीलीगी जमात के सदस्यों को क्वारंटाइन सेंटर में रखने के नाम पर 35 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया है। इसलिए अब उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
बता दें, इस याचिका को वकील शाहिद अली द्वारा दायर किया गया है। जिसमें 3288 व्यक्तियों को तत्काल रिहा करने की माँग है।
इस याचिका में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा गया कि सरकार अपने काम में विफल रही है और अपने कर्तव्यों का पालन सही ढंग से नहीं कर रही हैं।
याचिका में कहा गया कि क्वारंटाइन के नाम पर जबरन तबलीगी सदस्यों को रखना न्यायसंगत नहीं है और यह केंद्र सरकार के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन है।
Plea moved in Delhi High Court seeking immediate release of all persons related to Tabligi Jamaat, alleging that they are detained for more than 35 days in the name of quarantine centers. Matter to be heard tomorrow. (ANI)
— The Times Of India (@timesofindia) May 14, 2020
याचिका में आरोप लगाया गया कि मरकज में इकट्ठा हुए 3288 जमातियों को कोरोना वायरस की वजह से विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया था और अब 40 दिन बीत जाने के बाद भी इन्हे छोड़ा नहीं गया। इसलिए न्यायलय सरकार को निर्देश दे कि वे 14 दिन से क्वारंटाइन अवधि के नियम का पालन सुनिश्चित करे।
इसके अलावा, याचिका में संगठन के 2 सदस्यों की मौत की जाँच करने के लिए एक समिति गठित करने की माँग भी की गई है, जिनकी क्वारंटाइन केंद्र में मौत हो गई थी। साथ ही अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की माँग भी की है।
उल्लेखनीय है कि इस याचिका से पहले दिल्ली सरकार ने तबलीगी जमात के लोगों की क्वारंटाइन सेंटर से रिहा करने के आदेश दे दिए थे और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जो 2466 जमाती अपना क्वारंटाइन का समय पूरा कर चुके हैं, उन्हें छोड़ दिया जाए।
मगर, बावजूद इसके दिल्ली सरकार पर कई बार जमातियों को जबरन क्वारंटाइन केंद्रों में बंद करके रखने के आरोप लगे। खुद AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस प्रकार का आरोप दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर लगाया था।
बता दें, गुरुवार को दायर हुई इस याचिका में सामाजिक कार्यकर्ता सबीहा क़ादर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कई लोगों को अवैध तरीके से क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा गया है और इन केंद्रों में रह रहे कई लोगों ने प्रशासन अधिकारियों को पत्र लिखे हैं लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया।
वकील शाहिद अली द्वारा दायर की गई इस याचिका में प्रशासन पर ये भी आरोप लगाया गया कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने इसमें लापरवाही बरती है।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना संक्रमण राज्यों में तेजी से पहुँचने के पीछे का महत्तवपूर्ण कारण तबीलीगी जमातियों को माना गया था। हालाँकि, इनके बारे में पता लगते ही राज्य प्रशासन ने इन्हें ढूँढ-ढूँढकर क्वारंटाइन कराया था।
लेकिन, फिर भी कई जगह ऐसे मामले आए थे जहाँ जमाती जान-बूझकर बीमारी को छुपाते और फैलाते मिले। ऐसे में सरकार ने एक निश्चित अवधि के बाद इनपर कार्रवाई करने का फैसला किया था।