Friday, November 15, 2024
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देश को लॉकडाउन से बचाएँ, आजीविका के साधन बाधित न हों, राज्य सरकारें श्रमिकों में भरोसा जगाएँ: PM मोदी

"मैं राज्यों से अनुरोध करता हूँ कि वो लॉकडाउन से बचें, छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करें। युवा साथियों से अनुरोध है कि सोसाइटी, मोहल्ले और अपार्टमेंट में कोविड अनुशासन पालन करवाने में मदद करें। हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न तो कर्फ्यू और ना ही कंटेनमेंट जोन बनाने की जरूरत होगी। लॉकडाउन को तो सवाल ही नहीं होगा।"

देश में पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के कारण हालात काफी खराब हो गए हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार नजर बनाए हुए हैं। कोरोना के हालात पर अहम बैठकों के बाद पीएम मोदी ने मंगलवार (अप्रैल 20, 2021) रात को 8:45 बजे देश को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कोरोना वॉरियर्स के अथक प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “आज देश एक बड़ी चुनौती से गुजर रहा है। जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करता हूँ।” 

पीएम ने कहा कि इस बार कोरोना संकट के कारण देश के अनेक हिस्से में ऑक्सीजन की माँग बढ़ी है। इस विषय में तेजी से काम किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर, सभी का मकसद है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिले। इस बार जैसे ही कोरोना के केस बढ़े, देश के फार्मा सेक्टर ने दवाइयों का उत्पादन और बढ़ा दिया है। आज जनवरी-फरवरी की तुलना में देश में कई गुना ज्यादा दवाइयों का प्रॉडक्शन हो रहा है

प्रधानमंत्री ने कहा कि कल भी दवा निर्माता कंपनियों के साथ बातचीत हुई है। प्रॉडक्शन बढ़ाने के लिए हर स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का काम भी तेजी से चल रहा है। कुछ शहरों में विशेष और विशाल कोविड अस्पताल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन समय में भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हम सही निर्णय लें, सही दिशा में प्रयास करें तभी हम विजय हासिल कर सकते हैं। इसी मंत्र को सामने रखकर आज देश दिन-रात काम कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल जब बहुत कम कोरोना वायरस का प्रकोप सामने आया था, उसी समय से वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत के पास है। टीकाकरण के पहले चरण से ही गति के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों तक, जरूरतमंद लोगों तक वैक्सीन पहुँचे। दुनिया में सबसे तेजी से भारत में पहले 10 करोड़, फिर 11 करोड़ और अब 12 करोड़ वैक्सीन डोज दी गई है।

टीकाकरण अभियान से कोरोना वॉरियर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्गों को टीका लग चुका है। कल ही एक और फैसला किया है। 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगेगा। भारत में जो भी वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को मिलेगा। पहले की तरह ही सरकार अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन मिलती रहेगी। इसका फायदा गरीब और मध्यम आमदनी वाले परिवारों को होगा।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकते हुए आजीविका के साधन बाधित नहीं हों। केंद्र और राज्यों की सरकारों की मदद से श्रमिकों को भी वैक्सीन दी जाएगी। हमारी राज्य सरकारों से अपील है कि वो श्रमिकों में भरोसा जगाएँ।

पीएम ने कहा कि पिछली बार की परिस्थितियाँ आज से काफी भिन्न थी। तब हमारे पास कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं था। कोरोना टेस्ट के लिए लैब नहीं, पीपीई किट नहीं, कई और भी चीजें नहीं। आज हमारे पास बड़ी मात्रा में पीपीई किट्स हैं, लैब्स हैं, टेस्टिंग की कैपिसिटी भी बढ़ा रहे हैं।

पीएम ने कहा, “मैं राज्यों से अनुरोध करता हूँ कि वो लॉकडाउन से बचें, छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करें। देशवासियों से अपील करता हूँ कि इस संकट की घड़ी में देशवासी आगे आएँ और जरूरतमंदों को मदद पहुँचाएँ। सेवा के संकल्प से ही हम ये लड़ाई जीत पाएँगे। युवा साथियों से अनुरोध है कि सोसाइटी, मोहल्ले और अपार्टमेंट में कोविड अनुशासन पालन करवाने में मदद करें। हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न तो कर्फ्यू और ना ही कंटेनमेंट जोन बनाने की जरूरत होगी। लॉकडाउन को तो सवाल ही नहीं होगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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