उत्तर प्रदेश के कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में एक व्यक्त टोपी लगाए लड़के के साथ मारपीट करता नजर आ रहा है। इस मामले में पुलिस ने मोहम्मद फैसल नामक आरोपित को हिरासत में लिया है। लेकिन इस्लामवादी इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर ‘पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर’ ने 30 सितंबर को ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट शेयर की थी। इसमें लिखा था, “जाजमऊ थानाक्षेत्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक व्यक्ति एक बच्चे को पीटते हुए दिख रहा है। प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेकर थाना जाजमऊ पुलिस टीम द्वारा आरोपी मोहम्मद फैसल पुत्र अशरफ को हिरासत में ले लिया गया है, प्रकरण में FIR दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।”
जाजमऊ थानाक्षेत्र का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति एक बच्चे को पीटते हुए दिख रहा है। प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेकर थाना जाजमऊ पुलिस टीम द्वारा आरोपी मोहम्मद फैसल पुत्र अशरफ निवासी जाजमऊ को हिरासत में ले लिया गया है, प्रकरण में FIR दर्ज जर विधिक कार्रवाई की जा रही है pic.twitter.com/a5k7i9WhsF
— POLICE COMMISSIONERATE KANPUR NAGAR (@kanpurnagarpol) September 30, 2023
इस पोस्ट के साथ ही पुलिस ने मोहम्मद फैसल की एक तस्वीर भी शेयर की थी। इसमें वह सलाखों के पीछे घुटने टेक कर हाथ जोड़े नजर आ रहा है।
दरअसल, 30 सितंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में फैसल अपनी बाइक से आता है नजर आता है। इसके बाद बाइक से उतरते ही वह टोपी लगाए लड़की की ओर बढ़ता है। फिर वह लड़के पर लात-घूँसों की बौछार कर देता है। फैसल पीड़ित को काफी देर तक मारता रहता है। इस दौरान कुछ लोग पीड़ित को बचाने की कोशिश करते भी नजर आ रहे हैं।
वीडियो सामने आने के बाद इस्लामवादी इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर विवाद पैदा करने की कोशिश में जुट गए। ‘द मुस्लिम 786’ नामक यूजर ने लिखा कि एक दबंग ने पुलिस की जीप के सामने ही मुस्लिम युवक को थप्पड़ मार और लातों से कुचला। बेशक यहाँ पर इस्लामवादी ने हिंदू नहीं लिखा था लेकिन मुस्लिम को थप्पड़ मारे लिखकर अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश की।
वहीं एक अन्य इस्लामवादी ने लिखा कि ये लोग पागल हो गए हैं और दंगा करवाना चाहते हैं। मुस्लिम की खामोशी का फायदा उठा रहे हैं। यही नहीं उस यूजर ने पुलिस को अपशब्द कहे।
सलीम खान राणा नामक यूजर ने लिखा, “पुलिस में भी तो काफ़िर ही हैं।” सलीम ने ‘भी’ शब्द का उपयोग कर पहले तो आरोपितों को गैर-मुस्लिम बताया फिर पुलिस को काफ़िर बता दिया।
तथाकथित ‘पत्रकार’ और झूठ फैलाते हुए कई बार पकड़ा जा चुका अली सोहराब ने भी पीड़ित को ‘मुस्लिम युवक’ लिखकर यह बताने की कोशिश की है कि आरोपित किसी अन्य धर्म से है। वरना मुस्लिमों के क्राइम में तो यह चूँ भी नहीं बोलता।
सलीम खान राना ने एक अन्य पोस्ट में सभी गैर-मुस्लिमों के नरसंहार की धमकी दी। उसने लिखा, “जिस दिन मुस्लिम मैदान में आ जाएगा, काफ़िर दहशत में मर जाएगा।”