Sunday, November 17, 2024
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कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच पंजाब सरकार की लापरवाही, पिछले साल के मुकाबले जलाई 4 गुना ज्यादा पराली

लुधियाना के पंजाब रिमोट सेंसिंग सेटर (PRSC) के एसीएम डिविजन के प्रमुख अनिल सूद ने कहा कि पिछले साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक पंजाब में 755 पराली जलाने के मामले सामने आए जबकि 2018 में यह संख्या 510 थी। मगर इस साल इन मामलों की गिनती बढ़कर 2,873 हो गई है।

कोरोना वायरस के कारण एक ओर जहाँ स्थिति आए दिन भयावह होती जा रही है, वहीं  कुछ राज्यों में इसे रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों में लापरवाही साफ देखने को मिल रही है। कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश पंजाब इन्हीं राज्यों में से एक है। ताजा जानकारी के अनुसार पंजाब में इस वर्ष पिछले साले के मुकाबले अधिक खूँटी जलाई गई है जिससे कोरोना के अधिक दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

यह जानकारी लुधियाना के पंजाब रिमोट सेंसिंग सेटर (PRSC) के एसीएम डिविजन के प्रमुख अनिल सूद ने दी है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक पंजाब में 755 पराली जलाने के मामले सामने आए जबकि 2018 में यह संख्या 510 थी। मगर इस साल इन मामलों की गिनती बढ़कर 2,873 हो गई है। 

उन्होंने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि पहले के सालों में बारिश हो गई थी तो वहाँ कटाई देरी में हुई इसलिए पराली जलाने की घटना कम हुई, लेकिन इस वर्ष मौसम शुष्क था इसलिए ज़्यादा घटना हो रही।

वह कहते हैं, “अभी कटाई की शुरूआती है तो जब तक इसका समय पूरा नहीं होता (यानी 30 नवंबर तक) तब तक ये कहना मुश्किल है कि पिछले सालों से कितनी ज़्यादा या कम होगी। लेकिन आने दिनों में मेरा अनुमान है ये कम ही दिखेगी।”

PRSC के मुताबिक, इस साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक के दरम्यान पराली जलानी की घटना पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब चार गुना दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों पराली जलाने के बढ़ते मामलों का असर भी सामने आ चुका है। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को सीजन का सबसे ज्यादा प्रदूषण पाया गया। गाजियाबाद की स्थिति तो यह है कि वह हवा के सबसे घटिया स्तर को छू गई है वहीं गुरुग्राम की हवा में भी पिछले सालों के मुकाबले सबसे खराब स्तर देखा गया है।

दिल्ली की यदि बात करें तो यहाँ का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 261 दर्ज किया गया। पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा सबसे अधिक रही। इसके बाद बागपत में यही इंडेक्स 333, बहादुरगढ़ में 217, बलभागढ़ में 161, भिवाड़ी में 266, फरीदाबाद में 224, गाजियाबाद का 302, ग्रेटर नोएडा का 292, गुरुग्राम का 259, जींद का 294, कुरुक्षेत्र का 315, नोएडा में 274 रिकॉर्ड किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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