Tuesday, October 15, 2024
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जर्मनी में बैठकर खालिस्तानी आतंकियों की करता था भर्ती और फंडिंग: ‘KZF’ के सरगना को पंजाब पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से दबोचा

प्रभप्रीत सिंह सिद्धू जर्मनी में रहकर खालिस्तानी आतंकियों की भर्ती करता था और खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग की व्यवस्था करता था। पंजाब पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन सेल, अमृतसर ने ये ऑपरेशन चलाया।

पंजाब पुलिस की स्पेशल ऑपरेटिव सेल ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के बड़े आतंकवादी को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। वो जर्मनी में रहकर खालिस्तानी आतंकियों की भर्ती करता था और खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग की व्यवस्था करता था। पंजाब पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन सेल, अमृतसर ने ये ऑपरेशन चलाया। गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी का नाम प्रभप्रीत सिंह सिद्धू है। उस पर साल 2020 से ही नजर रखी जा रही थी।

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने इस गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के ऑपरेटिव प्रभप्रीत सिंह सिद्धू को राज्य विशेष ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) अमृतसर ने दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से बुधवार (10 अप्रैल 2024) को गिरफ्तार किया गया। उसे गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से कोर्ट ने उसे 15 अप्रैल तक की रिमांड पर भेज दिया।

पंजाब पुलिस के डीजीपी के एक्स हैंडल पर भी इसकी जानकारी दी गई है। इसपर लिखा है, “एक बड़ी सफलता में एसएसओसी, अमृतसर ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के संचालक प्रभप्रीत सिंह जर्मनी को दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। वह जर्मनी से आतंकवादी भर्ती, फंडिंग और सहायता मॉड्यूल चला रहा था। पंजाब पुलिस पूरे केजेडएफ नेटवर्क और वेब से जुड़े अन्य सहयोगियों का पता लगाने के लिए काम कर रही है। पंजाब पुलिस राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है”

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के ऑपरेटिव की गिरफ्तारी के बारे में बताते हुए डीजीपी गौरव यादव ने कहा, “साल 2020 में एसएसओसी अमृतसर को खुफिया सूचना मिली थी कि खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का आतंकवादी जगदीश सिंह भूरा पंजाब में कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है और इस काम को पूरा करने के लिए उसने भारत में मौजूद अपने साथियों को हथियार और पैसे दिए हैं। पंजाब पुलिस ने इस ग्रुप से जुड़े 4 आतंकियों को तुरंत गिरफ्तार कर पूरे मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर दिया था। उन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया था। उस केस में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13, 17, 18, 18-बी और 20 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत 19 दिसंबर 2020 को एफआईआर संख्या 18 दर्ज की गई थी।”

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि जाँच के दौरान गिरफ्तार आतंकियों ने खुलासा किया कि वे वांछित आतंकवादी जगदीश सिंह भूरा और उसके करीबी प्रभप्रीत सिंह के निर्देश पर काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने यह भी खुलासा किया है कि वे हाई प्रोफाइल लक्ष्यों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। चूँकि प्रभप्रीत जर्मनी में रह रहा था, इसलिए पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर के बाद उसके खिलाफ लुक ऑउट सर्कुलर जारी किया था। इसके बाद बुधवार को जब वो आईजीआई एयरपोर्ट पहुँचा, तो उसे इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया और एसएसओसी, अमृतसर को सूचना दी। इसके बाद हमारी टीम ने उसे आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने बताया कि प्रभप्रीत साल 2017 में वीजा के लेकर पोलैंड गया था, लेकिन वहां से वो 2020 में जर्मनी चला गया और उसने राजनीतिक शरण की माँग की थी। वहीं से वो खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के जगदीश सिंह भूरा के संपर्क में आया, जो बेल्जियम में रहता था और फिर खालिस्तानी संगठन से जुड़ गया। अभी कोर्ट ने 15 अप्रैल तक के लिए उसकी हिरासत को मंजूर किया है, उससे पूछताछ की जा रही है।

बता दें कि खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का नाम भारत के बाहर भी कई हमलों में आ चुका है। इस संगठन ने ऑस्ट्रिया के विएमा में स्थित गुरुद्वारा रविदास पर हमला किया थास जिसमें डेरा सच खंड के मुखिया रामा नंद की हत्या कर दी गई थी और 17 अन्य लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद पंजाब और उत्तरी भारत के कई हिस्सों में तनाव फैल गया था। साल 2005 में ही यूरोपीय यूनियन इस संगठन पर बैन लगा चुका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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