शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अमृतसर ने 6 जनवरी 2022 (गुरुवार) को इंदिरा गाँधी के हत्यारों को याद किया। दरबार साहिब परिसर स्थित गुरुद्वारा झंडा बुंगा में उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान हत्यारों को शहीद बता याद किया गया। कार्यक्रम में उनके परिवारों को भी सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि साल 1989 में 6 जनवरी के ही दिन सतवंत सिंह और केहर सिंह को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फाँसी हुई थी।
SGPC अमृतसर ने ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी भी दी है। ट्वीट में इसे ऐतिहासिक कार्यक्रम बताया गया है। ट्वीट में कहा गया है, “ऐतिहासिक दिन, शहीद भाई सतवंत सिंह और भाई केहर सिंह को फाँसी दी गई। फाँसी के बाद इन शहीदों के शवों का दिल्ली जेल के अंदर अंतिम संस्कार किया गया और पूरे पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया गया।”
ऐतिहासिक दिन
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (SGPC) (@SGPCAmritsar) January 6, 2022
शहीद भाई सतवंत सिंह और भाई केहर सिंह को फांसी दी गई। फांसी के बाद इन शहीदों के शवों का दिल्ली जेल के अंदर अंतिम संस्कार किया गया और पूरे पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया गया। (६-१-१९८९)
श्रद्धांजलि सभा में सतवंत सिंह के भाई वारयान सिंह भी थे। उन्हें भी अन्य लोगों के साथ सम्मानित किया गया। उन्हें सम्मान के साथ लबादा ओढ़ाया गया। यह सम्मान ज्ञानी गुरमिंदर सिंह, SGPC सदस्य मंजीत सिंह और वकील भगवंत सिंह सिआलका ने दिया। याद में प्रार्थना प्रेम सिंह द्वारा की गई और ज्ञानी गुरमिंदर सिंह ने पवित्र हुक्मनामा का पाठ किया।
Hanged for the assassination of former prime minister Indira Ghandi on this day, @SGPCAmritsar observed the death anniversary of Satwant Singh & Kehar Singh at Gurdwara Jhanda Bunga inside Sri Darbar Sahib complex on Thursday. Family members were honoured@iepunjab @IndianExpress pic.twitter.com/fY1oDPrRY8
— Kamaldeep Singh ਬਰਾੜ (@kamalsinghbrar) January 6, 2022
इंदिरा गाँधी के हत्यारों को SGPC द्वारा सम्मानित करने की ये पहली घटना नहीं है। यह आयोजन लगभग हर साल 6 जनवरी को होता है। पिछली कई रिपोर्ट के मुताबिक यह एक सालाना परम्परा के जैसे चल रहा है। वर्ष 2012 में यह शुरू हो कर अब तक जारी है। 31 अक्टूबर 2021 को SGPC ने बेअंत सिंह को भी श्रद्धाजंलि दी थी।
In June 1984, then Prime Minister Indira Gandhi instructed to attack central #Sikh shrine Sri Darbar Sahib with tanks. Sacred shrine of Sri Akal Takht Sahib was also damaged. On this day, Bhai Beant Singh happily attained martyrdom after Indira’s assassination.#NeverForget1984 pic.twitter.com/pCZpnbexag
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (SGPC) (@SGPCAmritsar) October 31, 2021