महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना संकट के बीच सख्ती और गाइडलाइंस को दरिकनार करते हुए कुरैशी नाम का युवक 6 अन्य लड़कों के साथ सड़क पर क्रिकेट खेलकर कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहा था। इस मामले में गिरफ्तार आरोपित कुरैशी (20 वर्ष) को निचली अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।
निचली अदालत के जज अभिजीत नंदगाँवकर ने कहा कि कुरैशी ने 6 लड़कों के साथ मिलकर कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन किया और कानून को तोड़ा। कोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, “यदि आरोपित को कड़ी शर्तों के साथ जमानत भी दी जाती है तो ये आम जनमानस के लिए गंभीर खतरा बनेगा। क्योंकि आरोपित ने महामारी के इस दौर में अथॉरिटी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।”
जस्टिस नंदगाँवकर ने कहा, “राज्य में कोरोना ने तबाही मचा रखी है। ऐसे में लड़कों का बिना मास्क के बीच सड़क पर क्रिकेट महामारी अधिनियम का उल्लंघन है, सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।”
अदालत ने कहा कि आवेदक 20 साल का है और उसे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि कोरोना के कारण हालात बहुत ही खराब है। उसे पुलिस और स्थानीय प्रशासन के नियमों का पालन करना चाहिए।
पुलिस ने बताया कि कुरैशी समेत 6 अन्य लड़के कर्फ्यू के बीच सड़क क्रिकेट खेल रहे थे। जब उन्होंने पुलिस को आते देखा तो वो वहाँ से भाग गए, लेकिन उनके मोबाइल फोन वहीं छूट गए थे। बाद में मोबाइल वापस लेने आए लड़कों में से कुरैशी के एक दोस्त ने पुलिसकर्मी से मोबाइल छीनने की कोशिश की। इसमें पुलिसकर्मी घायल भी हुआ। इसके बाद पब्लिक सर्वेंट को ड्यूटी करने से रोकने और कोरोना नियमों को तोड़ने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के साथ छीना-झपटी करने वाला तो नाबालिग होने के कारण छूट गया, लेकिन कुरैशी को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
हालाँकि, कुरैशी ने पुलिस पर मनगढ़ंत कहानी के आधार पर उसे फँसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उसने दावा किया है कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उसने दलील दी है कि बाकी आरोपित फरार हैं, इसलिए उसकी जमानत को खारिज नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि बीते 24 घंटे के दौरान अकेले महाराष्ट्र में कोरोना के 67,160 मामले सामने आए हैं। वहीं 676 लोगों की मौत भी हुई है।