मंगलुरु ऑटो ब्लास्ट का आरोपित मोहम्मद शारिक कट्टरपंथी इस्लामी भाषण देने वाला जाकिर नाइक से प्रेरित था। ये भी सामने आया है कि जाकिर नाइक ने मंगलुरु में ऑटो में विस्फोट की सूचना के कुछ ही घंटों के भीतर आत्मघाती बम विस्फोट के संबंध में एक ट्वीट किया था।
जाकिर नाइक ने शनिवार (19 नवंबर, 2022) शाम 6:13 बजे आत्मघाती बम विस्फोट के बारे में ट्वीट किया, जबकि मंगलुरु ऑटो विस्फोट उसी दिन शाम 4:29 बजे हुआ था। उसने अपने आधिकारिक YouTube चैनल से ‘इस्लाम में आत्मघाती बम विस्फोट की अनुमति है?’ नाम के शीर्षक से एक वीडियो जारी किया। YouTube पर उसके 30 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। अब सामने आया है कि इस्लामी भाषण देने वाले ज़ाकिर नाइक से मोहम्मद शरीक प्रेरित था।
https://t.co/ziAEzgJKQg
— Dr Zakir Naik (@drzakiranaik) November 19, 2022
Is Suicide Bombing Allowed in Islam – Dr Zakir Naik
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यह ट्वीट ट्विटर हैंडल ‘@drzakiranaik’ द्वारा किया गया है, जो भगोड़े इस्लामिक मुबल्लिग का आधिकारिक हैंडल बताया जाता है। इसके 45 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। ट्विटर अकाउंट नाइक के सत्यापित फेसबुक पेज से भी जुड़ा हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि मंगलुरु बम विस्फोट के आरोपित शारिक के फोन में जाकिर नाइक के कई वीडियो मिले थे। उसने कथित तौर पर नाइक को अपनी ‘सच्ची प्रेरणा’ बताया। ‘रिपब्लिक भारत’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जाकिर नाइक के 50 से अधिक वीडियो शारिक के फोन पर पाए गए।
कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु में घर में बने प्रेशर कुकर बम के विस्फोट की पुष्टि होने के कुछ दिनों बाद यह पता चला है कि इस मामले के आरोपित मोहम्मद शारिक ने आतंकी अभियान को अंजाम देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया था।
जाँच एजेंसियों के मुताबिक, शारिक और उसके आकाओं ने वित्तीय लेनदेन करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी और डार्क वेब का इस्तेमाल किया और विस्फोट को अंजाम देने के लिए ऑनलाइन धन प्राप्त किया। टेरर फंडिंग के मामले में क्रिप्टोकरेंसी एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है और इस मामले में पुलिस इसकी संलिप्तता की बारीकी से जाँच कर रही है।
शारिक ने फर्जी पहचान पत्र पर लिया कमरा
आरोपित मोहम्मद शारिक ने मैसूर में एक कमरा किराए पर लेने के लिए नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल किया था। शारिक ने जिस घर को किराए पर लिया था, उसके मालिक ने बताया कि आरोपित एक कमरे के लिए प्रति माह 1800 रुपए का भुगतान कर रहा था। किराए के एग्रीमेंट के अनुसार, आरोपित ने फर्जी तरीके से अपना नाम प्रेमराज, पिता का नाम मारुति बताया था। साथ ही उसने अपना पता हुबली के रूप में दर्शाया था ।
मंगलुरु बम मामले की जाँच आगे बढ़ने के साथ ही फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी डिवीजन (FSL) की टीम मैसूर में शारिक के किराए के घर पहुँची थी। टीम ने शारिक के घर से विस्फोटक बनाने की सामग्री बरामद की है। शारिक को शनिवार (19 नवंबर, 2022) को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत हिरासत में लिया गया था।
FSL टीम को शारिक के किराए के घर से जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, छोटे बोल्ट, बैटरी, मोबाइल फोन, लकड़ी, एल्यूमीनियम मल्टीमीटर, केबल, मिक्सिंग जार, प्रेशर कुकर और विस्फोटक बनाने के लिए आवश्यक सामग्री मिली। फोरेंसिक विशेषज्ञों को उसके घर से एक मोबाइल फोन, दो नकली आधार कार्ड, एक नकली पैन कार्ड और एक फिनो डेबिट कार्ड भी मिला। आरोपित पर अपने घर में विस्फोटक सामग्री बनाने का आरोप है।
पुलिस ने रविवार (22 नवंबर, 2022) को जाँच के दौरान सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किया था, जिसमें विस्फोट से कुछ मिनट पहले अभियुक्त को नागुरी में ऑटो-रिक्शा पर चढ़ते देखा गया था। फुटेज में शारिक को एक बड़ा बैग ले जाते हुए देखा जा सकता है, जिसमें आईईडी के रूप में बदले गए प्रेशर कुकर को कथित तौर पर पैक किया गया था। वीडियो में शारिक के साथ दूसरे आरोपित को भी देखा जा सकता है। कर्नाटक पुलिस ने खुलासा किया है कि आरोपित ने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर डिस्प्ले पिक्चर के रूप में ‘ईशा फाउंडेशन’ के लोगो का इस्तेमाल किया।
दरअसल कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली का रहने वाला शारिक शनिवार (19 नवंबर, 2022) को एक प्रेशर कुकर को आईईडी की तरह तैयार करके ऑटोरिक्शा में यात्रा कर रहा था, जिसमें डेटोनेटर, तार और बैटरी लगी हुई थी। हालाँकि इसमें विस्फोट हो गया था और उसके मंसूबे नाकामयाब हो गए। घटना की जिम्मेदारी इस्लामिक इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल (IRC) ने ली है।