राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में जब से काॅन्ग्रेस की सरकार बनी है, पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। उदयपुर में मार डाले गए कन्हैया लाल को मिली धमकियों को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप भी पुलिस पर लगा था। अब काॅन्ग्रेस के ही एक विधायक ने पुलिस पर चोरी का बकरा बेचने का आरोप लगाया है। विधायक ने आरोप के साथ सबूत भी पेश किए हैं। मामले की जाँच के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल सोमवार (25 जुलाई 2022) को राजस्थान कॉन्ग्रेस कार्यालय में मंत्रियों की जनसुनवाई चल रही थी। इसी दौरान चाकसू से कॉन्ग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी और कुछ ग्रामीण पहुँचे। उन्होंने एक ज्ञापन देकर कहा कि 22 जुलाई को कोटखावदा थाने में बकरा और बकरी चोरी का केस दर्ज करवाया गया था। चोरी हुई बकरी मिल गई, लेकिन पुलिसवालों ने बकरा बेच दिया। बताया कि जिस व्यक्ति के पास यह बकरा मिला, उसने बताया पुलिसवाले ने इसे 2000 रुपए में खरीदने की बात कही।
विधायक के साथ आए ग्रामीणों ने कहा कि कुछ दिन पहले पुलिस गाँव से कई बकरे और बकरियाँ खोलकर ले आई थी, जबकि ग्रामीणों पर कोई आरोप नहीं था। बाद में जब ग्रामीण थाने पहुँचे तो पुलिस ने सभी बकरे-बकरियाँ लौटा दी। लेकिन रामसहाय का एक बकरा और बकरी नहीं मिला।
इसके बाद रामसहाय ने पुलिस में बकरा और बकरी चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। बकरा ढूँढने के नाम पर पुलिस उसे टालती रही। इस बीच पीड़ित ने खुद ही चोरी हुए बकरे को ढूँढ लिया। लेकिन जब वह बकरे को लेने पहुँचा तो जिसके पास उसका बकरा था, उसने इसे पुलिस से खरीदने का दावा किया। इस दावे की वीडियो रिकार्डिंग कर वह थाने गया तो पुलिस ने भगा दिया।
कॉन्ग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने आरोप लगाया कि चोरी के बकरे को पुलिस ने ढूँढकर पीड़ित को सौंपने के बजाय खुद बेच डाली। उन्होंने कार्रवाई की माँग की। राजस्थान सरकार के युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अशोक चांदना ने सुनवाई के बाद कहा कि ये गंभीर मामला है। जयपुर पुलिस कमिश्नर को जाँच कर कार्रवाई के लिए कहा गया है।
जन सुनवाई में यह मामला उठने के बाद वहाँ मौजूद लोग चकित रह गए। मंत्री अशोक चांदना ने गाँव वालों को आश्वासन दिया कि वे इस मामले में पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव से बात करेंगे। मंत्री से आश्वासन मिलने के बाद गाँव वाले चले गए। वहीं वेद प्रकाश सोलंकी ग्रामीण पुलिस के रवैये से नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि थाने में पुलिसवाले ऐसी घटनाएँ कर रहे हैं। सोलंकी ने पुलिस को नकारा और निकम्मा बताते हुए कहा, “पुलिस इतनी गिर गई कि बकरा बेचने लगी। हमारे मवेशी कहाँ सुरक्षित रहेंगे, जब रक्षक ही भक्षक बन जाएँगे। इसलिए मजूबरी में मुझे यह शिकायत लेकर आना पड़ा।”
इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण पुलिस को पुलिस कमिश्नरेट से बाहर करने की भी माँग की। उन्होंने कहा, “जब से पुलिस कमिश्नरेट बना है, चोरियों सहित हर तरह के अपराध बढ़े हैं। मेरी माँग है कि ग्रामीण थानों को वापस कमिश्नरेट से बाहर करें, ताकि उन पर एसडीएम की निगरानी हो। कोटखावदा और चाकसू क्षेत्र में नाकारा-निकम्मे पुलिसवालों को लगा रखा है।”