Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाजधौलपुर: लॉकडाउन में जमा होने से रोका तो कॉन्स्टेबल को मारी गोली, हमलावर गिरफ्त...

धौलपुर: लॉकडाउन में जमा होने से रोका तो कॉन्स्टेबल को मारी गोली, हमलावर गिरफ्त से बाहर

सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ हिंसा को गैर जमानती अपराध बनाया है। साथ ही ऐसा करने वाले को सात साल की सजा हो सकती है। लेकिन इसके बाद भी पुलिसकर्मियों पर हमले रूक नहीं रहे हैं।

राजस्थान के धौलपुर में लॉकडाउन का पालन कराने पर पुलिसकर्मी पर गोली चलाने की घटना सामने आई है।इस घटना में कॉन्स्टेबल के हाथ में चोट आई है। फायरिंग के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए।

पीड़ित कॉन्स्टेबल शिव चरण मीणा के मुताबिक बीते दिन (बुधवार 29 अप्रैल) को वह धौलपुर में लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात थे। इस बीच उन्होंने 4-5 लोगों को एक स्थान पर इकट्ठा खड़े हुए देखा। इसे देख वह मौके पर पहुँच गए और उन लोगों से लॉकडाउन के नियमों का हवाला देते हुए वहाँ से हट जाने के लिए कहा। लेकिन इस बात का विरोध करते हुए अज्ञात लोगों ने उन पर गोली चला दी और मौके से फरार हो गए।

सूचना पर पहुँची पुलिस ने घायल कॉन्स्टेबल को अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उनका इलाज जारी है। कॉन्स्टेबल शिवचरण मीणा के हाथ में चोट आई है। आला अधिकारियों ने पीड़ित से बात कर घटना के विषय में जानकारी ली। हालाँकि अभी तक पुलिस को हमलावरों में के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।

इससे पहले ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा से सामने आया, जहाँ लॉकडाउन लागू करा रहे पुलिसकर्मियों पर लोगों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि इस हमले में दो से तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। दरअसल यह घटना बेलिलियस रोड इलाके में मंगलवार (अप्रैल 28, 2020) दोपहर बाद घटी। जब पुलिस सड़क पर घूम रहे लोगों को घर में जाने के लिए कह रही थी तभी लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया।

इतना ही नहीं अराजक तत्वों ने पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। इसका वीडियो भी सामने आया था, जिसमें भीड़ को पुलिस के ऊपर हमला करते हुए देखा जा सकता है। ये भीड़ इतनी बेकाबू और आक्रामक थी कि रैपिड एक्शन फोर्स की टीम को बुलानी पड़ी थी।

वहीं सोमवार (अप्रैल 27, 2020) को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मस्जिद में नमाज पढ़ने को रोकने गई पुलिस पर लोगों ने पथराव किया। इस घटना में 1 पुलिसकर्मी घायल हो गए। मामले में पुलिस ने अब तक 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पर पथराव करने वाली भीड़ में महिलाएँ भी शामिल थीं।

आपको बता दें कि सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ हिंसा को गैर जमानती अपराध बनाया है। साथ ही ऐसा करने वाले को सात साल की सजा हो सकती है। लेकिन इसके बाद भी पुलिसकर्मियों पर हमले रूक नहीं रहे हैं। देश के कई हिस्सों से चिकित्साकर्मियों और पुलिस बल पर हमले की खबरें सामने आ रही हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘भंगी’, ‘नीच’, ‘भिखारी’ जातिसूचक नहीं, राजस्थान हाई कोर्ट ने SC/ST ऐक्ट हटाया: कहा- लोक सेवकों की जाति के बारे में अनजान थे आरोपित, कोई...

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', 'मंगनी' आदि किसी जाति के नाम नहीं है।

UPPSC अब कैसे लेगा RO-ARO और PCS की परीक्षा, पुराने पैटर्न को मंजूरी देने के बाद कैसे होगा एग्जाम, क्या होगी नई तारीख: जानें...

आयोग के प्री परीक्षा को एक दिन में करवाने पर सहमत होने और RO/ARO को लेकर विचार करने के बाद भी अभ्यर्थी प्रयागराज से नहीं हिल रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -