राजस्थान में हाल में कई ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जिससे पता चलता है कि राज्य के थाने भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं। ताजा मामला नागौर जिले के खुनखुना थाने का है। यहाँ एसएचओ रहे एसआई शंभुदयाल मीणा पर 24 साल की युवती ने रेप का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर आरोपित पुलिस अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
पीड़िता ने शनिवार (21 अगस्त 2021) को आरोपित पुलिस अधिकारी के खिलाफ केस रेप का केस दर्ज कराया। पीड़िता के मुताबिक, वह 2018 में एक मामले में शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने गई थी। उसी दौरान आरोपित थाना अधिकारी शंभुदयाल मीणा ने उसका मोबाइल नंबर ले लिया। इसके बाद उसने लगातार उसे फोन करना शुरू कर दिया। इसी बीच आरोपित ने डींडवाना कस्बा स्थित एक होटल में उसे बुलाया रेप किया।
पीड़िता ने बताया है कि रेप करने के बाद मीणा ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। उसके बाद तो रेप का सिलसिला चल पड़ा। एक बार बलात्कार करने के बाद मीणा का जब भी मन करता था तो वह युवती का शारीरिक शोषण करता था। पिछले महीने उसका तबादला होने के बाद युवती के मन में बैठा मीणा का खौफ खत्म हो गया, जिसके बाद उसने मामले की शिकायत की। रिपोर्ट के मुताबिक मीणा पीड़िता को रोज कॉल करता और करीब 15-20 बार उसके साथ रेप किया।
इस केस को लेकर मौजूदा थाना प्रभारी हरिराम जांजूदा ने बताया है कि 2018 में थाना अधिकारी रहे मीणा ने युवती के साथ कई बार रेप की वारदात को अंजाम दिया था। रविवार (22 अगस्त 2021) को उसका (पीड़िता) मेडिकल कराने के बाद बयान दर्ज करा लिया गया है। वहीं जिले के पुलिस उप अधीक्षक गोपाराम के मुताबिक, मीणा के खिलाफ जाँच शुरू हो चुकी है।
गौरतलब है कि इसी साल मार्च में अलवर के खड़ेली थाने में अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गई 26 साल की महिला से थाना परिसर में ही सब इंस्पेक्टर द्वारा तीन दिन तक लगातार रेप किए जाने का मामला सामने आया था। पीड़िता ने आऱोप लगाया था कि 2 मार्च 2021 को वह पति से विवाद के निपटारे के लिए खड़ेली थाना गई थी। वहाँ सेकेंड ऑफिसर भरत सिंह ने उसे पति से विवाद के निपटारे का झाँसा देकर रेप किया।
एंटी करप्शन ब्यूरो इसी साल मार्च में ACP कैलाश बोहरा को ऑफिस में पीड़िता के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था। पीड़िता ने जवाहर सर्कल थाने में किसी युवक के खिलाफ दुष्कर्म और धोखाधड़ी समेत 3 मामले दर्ज करवा रखे थे। इसी केस की जाँच का हवाला देकर अधिकारी बार-बार युवती को अपने ऑफिस बुलाते और कई बार ड्यूटी पूरी होने के बाद भी मिलने के लिए दबाव बनाते।
2019 में राजस्थान के चुरु जिले में एम दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भी पुलिस पर रेप के आरोप लगे थे। मृतक की 35 वर्षीय भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था।