राजस्थान में दुष्कर्म का मामला थम नहीं रहा है। अब प्रदेश के सीकर जिले से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सीकर जिले के श्रीमाधोपुर थाना क्षेत्र में मानसिक रूप से कमजोर महिला से बलात्कार करने के आरोप में एक पुलिस कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया गया है।
थानाधिकारी कैलाश चंद ने बताया, ‘‘आरोपित कॉन्स्टेबल लालचंद वर्तमान में शाहपुरा (जयपुर) के सर्किल अधिकारी के ड्राइवर के पद पर तैनात है। आरोपित पीड़ित महिला का पड़ोसी है और उसने 23 वर्षीय महिला का 19 अगस्त की रात को खेत में बलात्कार किया था, ऐसा आरोप है। इस संबंध में आरोपित के खिलाफ 20 अगस्त को मामला दर्ज किया गया था।’’
थानाधिकारी ने बताया कि कॉन्स्टेबल को गुरुवार (अगस्त 26, 2021) शाम गिरफ्तार किया गया और शुक्रवार (अगस्त 27, 2021) को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। वहाँ से मजिस्ट्रेट ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गौरतलब है कि राजस्थान से इस तरह की यह पहली घटना सामने नहीं आई है। इसी साल मार्च में अलवर के खड़ेली थाना में अपने पति के खिलाफ FIR लिखवाने गई महिला से बलात्कार का मामला सामने आया था। 26 वर्षीय पीड़िता का पति के साथ विवाद चल रहा है। 2 मार्च 2021 को वह पति के खिलाफ FIR दर्ज करवाने खेड़ली थाना पहुँची थी।
आरोप था कि खेड़ली थाने में तैनात सेकेंड ऑफिसर भरत सिंह ने पीड़िता को पति से विवाद के निपटारे का झाँसा दिया। इसके बाद वो थाना परिसर में ही बने आवास में पीड़िता को लेकर गया और वहाँ उसके साथ रेप किया। महिला ने आरोप लगाया कि सब-इंस्पेक्टर इतने पर ही नहीं रुके। उसने अगले दो दिन भी पीड़िता को बुलाया और उसके साथ रेप किया।
इसी साल मई में राज्य के मटीली थाने के सिपाही मनीराम पर कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाकर एक महिला ने नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। अपने आखिरी संदेश में महिला ने मनीराम और उसकी पत्नी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। वीडियो के मुताबिक, मनीराम ने उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया और सिपाही की पत्नी भी उसे तंग करती थी।
एक अन्य मामले में राजस्थान के चूरू जिले में सरदारशहर पुलिस स्टेशन के निलंबित पुलिस निरीक्षक के अलावा आठ पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिसवालों पर आरोप था कि उन्होंने एक दलित महिला को बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने 9 पुलिसकर्मियों पर उसके साथ पुलिस स्टेशन में ही गैंगरेप का आरोप लगाया था।
यही नहींं इसी साल ACP कैलाश बोहरा को एक रेप पीड़िता से रिश्वत माँगने और उसका यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एंटी करप्शन ब्यूरो ने ACP कैलाश बोहरा को ऑफिस में पीड़िता के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था। पीड़िता ने जवाहर सर्कल थाने में किसी युवक के खिलाफ दुष्कर्म और धोखाधड़ी समेत 3 मामले दर्ज करवा रखे थे। इसी केस की जाँच का हवाला देकर अधिकारी बार-बार युवती को अपने ऑफिस बुलाते और कई बार ड्यूटी पूरी होने के बाद भी मिलने के लिए दबाव बनाते।
2019 में राजस्थान के चुरु जिले में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में भी पुलिस पर रेप के आरोप लगे थे। मृतक की 35 वर्षीय भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था।