अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी गैंगस्टर रियाज भाटी की बीवी रहनुमा भाटी ने आरोप लगाया है कि उनके साथ रेप किया गया है। आरोप क्रिकेट खिलाड़ियों समेत एक बड़े कॉन्ग्रेस नेता पर है।
इस मसले पर कॉन्ग्रेस नेता की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है। वैसे यह पहला मामला नहीं है जब कॉन्ग्रेस का कोई नेता (या नेता का सहयोगी) इस तरह के विवादों में घिरा हो। घटना कुछ साल पहले की है। सीनियर कॉन्ग्रेसी नेता राजीव शुक्ला विवादों में आ गए थे। कारण बने थे उनके निजी सहायक (PA) रहे अकरम सैफी। सैफी पर उत्तर प्रदेश अंडर 23 क्रिकेट टीम में सलेक्शन के बदले ‘वेश्या और पैसे’ की डिमांड करने का आरोप लगा था। हालाँकि इस मामले में सैफी को बाद में क्लीनचिट मिल गई थी।
यह मामला 2018 का है। तब राजीव शुक्ला आईपीएल के चेयरमैन हुआ करते थे। उस समय राजीव शुक्ला उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के निदेशक भी थे। हिंदी समाचार चैनल न्यूज़ 1 ने एक ऑडियो जारी किया था। इसमें राहुल शर्मा नाम के किसी क्रिकेटर से कथित तौर पर सैफी एक लड़की को होटल में भेजने की बात कहते सुनाई पड़ रहा है। वह इसके बदले उसे टीम में सलेक्शन को लेकर निश्चिंत रहने का भी भरोसा दिलाता है। वह ऑडियो आप नीचे सुन सकते हैं।
इन आरोपों के बाद सैफी ने खुद को निर्दोष बताते हुए शुक्ला के पीए पद से इस्तीफा दे दिया था। उसने कहा था कि वह राजीव शुक्ला का सहयोगी है, इसलिए उन्हें बदनाम करने के लिए उस पर आरोप लगाए जा रहे हैं। उस पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का भी आरोप लगा था। तब BCCI के एंटी करप्शन यूनिट के प्रमुख अजीत सिंह ने मामले की निष्पक्ष जाँच और आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार अकरम सैफ़ी पर दिल्ली में क्रिकेट खिलाडियों के लिए हॉस्टल चलाने का भी आरोप था। इस हॉस्टल में सुविधाओं के नाम पर खिलाड़ियों से मोटी रकम वसूली जाती थी। इन सुविधाओं में ट्रेनिंग भी शामिल थी। बताया जाता था कि चयनकर्ता भी अकरम सैफ़ी की बात को टालने का साहस नहीं कर पाते थे। किसी का टीम में अंदर या बाहर होना अकरम सैफ़ी पर निर्भर करता था। इस हॉस्टल का संचालन अकरम एक पूर्व आईपीएल खिलाड़ी के साथ मिल कर करता था।
इस पूरे घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासनिक कमेटी के चेयरमैन विनोद राय ने तब बताया था कि सैफी BCCI में किसी भी पद पर नहीं था। वह शुक्ला का पर्सनल असिस्टेंट था। इस मामले के बाद उसे हटा दिया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के लोकपाल और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने बाद में सैफी को इस मामले में क्लीनचिट दे दी थी। जाँच में उस पर लगाए गए आरोप निराधार पाए गए थे। पाया गया था कि चैनल ने कई ऑडियो रिकॉर्डिग को मिलाकर अपने अनुसार प्रसारित किया था। यह भी पाया गया था कि जिस जगह अकरम ने ऑडियो क्लिप में लड़की को भेजने की बात कही थी, वहाँ कोई लड़की पहुँची ही नहीं थी।
राहुल शर्मा ने 26 जुलाई 2018 को एक हलफनामा दाखिल कर अपने सभी आरोप भी वापस ले लिए थे।
अपडेट: यह रिपोर्ट पहले भी की गई थी। पिछली कॉपी में एक वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता का नाम था। उन पर बलात्कार का आरोप लगाया गया था। इस खबर को मुख्यधारा की कई मीडिया कंपनियों जैसे हिन्दुस्तान, एबीपी न्यूज, डेक्कन हेराल्ड, लोकमत, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दिप्रिंट आदि ने रिपोर्ट की थी। इन सबकी रिपोर्ट में नाम (कॉन्ग्रेसी नेता) का बकायदा जिक्र भी था। हालाँकि एक-दो दिन के भीतर ही इन सभी नामी मीडिया कंपनियों ने या तो अपनी खबरों को ही डिलीट कर दिया या अपनी प्रकाशित खबरों को एडिट करके वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता का नाम हटा दिया। इस मामले में मुंबई पुलिस से हमने आधिकारिक प्रतिक्रिया लेनी चाही, हालाँकि उधर से कुछ भी कहने या बताने से इनकार कर दिया गया। एक बात जिसकी पुष्टि हो पाई है, वो यह है कि ऐसी शिकायत वास्तव में दर्ज की गई थी। ऐसी परिस्थिति में जहाँ पुलिस भी आरोपितों के नामों की आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है, साथ ही मीडिया कंपनियों (जो प्राथमिक सोर्स माने जाते हैं) ने भी या तो अपनी खबरों को हटा दिया है या नाम छिपा लिया है, हम भी आरोपित की पहचान उजागर नहीं करने के लिए इस कॉपी को अपडेट कर रहे हैं। इस खबर में जैसे ही कोई अपडेट होगी, हम पाठकों को उससे सूचित करेंगे।