देश की चिंताजनक हालत देखने के बावजूद किसान नेता राकेश टिकैत आंदोलन को खत्म न करने की अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि पहले कुछ किसान खेतों में कटाई के काम और पंचायत चुनाव के चलते अपने गाँव चले गए थे, लेकिन अब वह उन किसानों को भी वापस लाएँगे और आंदोलन बढ़ाया जाएगा।
टिकैत इस बात को बार-बार कह रहे हैं कि सरकार किसानों का आंदोलन बलपूर्वक खत्म करने की न सोचे। अगर कोई भी कोशिश हुई तो किसान उसका जवाब देंगे। उनका कहना है कि वह कोरोना नियमों का पालन करते हुए बॉर्डर पर डटे रहेंगे, लेकिन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक सड़कों से नहीं हटेंगे।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि कुछ किसानों के खेतों में कटाई का काम चल रहा था तो वहीं उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे थे। इस कारण आंदोलन में किसानों की संख्या कुछ कम हो गई थी। लेकिन अब किसानों के खेतों का काम खत्म हो गया है। अब सभी किसानों को एक बार फिर आंदोलन स्थलों पर लाया जाएगा और आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।
बता दें कि कोरोना नियम का पालन करते हुए प्रदर्शन करने की जो बात टिकैत कहते आए हैं उसकी सच्चाई कुछ दिन पहले एक वीडियो के रूप में सामने आई थी। वीडियो में दिखा था कि टिकैत अच्छी खासी तादाद में लोगों को इकट्ठा करके इफ्तार पार्टी कर रहे थे। किसी ने उस समय चेहरे पर मास्क नहीं लगाया था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा था।
इसके बाद कल टिकैत ने हरियाणा के हिसार में बार एसोसिएशन के धरने को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर हमें छेड़ने का प्रयास किया गया तो हम भी सुताई करेंगे। टिकैत ने धरनास्थल को घर बताते हुए कहा, “जहाँ हम धरना दे रहे हैं वह हमारा घर है, हमारी कॉलोनी है। हम इसे किसी भी सूरत में माँगे पूरी नहीं होने तक खाली नहीं करेंगे… यह शाहीन बाग नहीं है जो डरा-धमकाकर खाली करवा लोगे। जहाँ तक क्लीन स्वीप अभियान चलाने की बात चल रही है तो मैं बता देना चाहता हूँ कि सरकार ने अगर ऐसी कोई गलती की तो पूरे देश में सुताई अभियान चलेगा। हरियाणा में तो पहले से ही यह अभियान चल रहा है।”
उनका वैक्सीन को लेकर कहना है कि बॉर्डर पर बैठे किसान इंजेक्शन लेंगे, लेकिन कोरोना टेस्ट नहीं कराएँगे। इंजेक्शन भी तब लगवाएँगे, जब आधे इंजेक्शन पुलिसकर्मी लगवाएँगे। उन्हें सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। उन्होंने कोरोना की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए पूछा था अगर कोरोना इतना खतरनाक है तो कुछ लोग बंगाल में रैली क्यों कर रहे हैं। कोरोना को एक तरह का बुखार ही मान सकते हैं। लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही तो वहाँ की सरकार को इस्तीफा देना चाहिए।