Monday, December 23, 2024
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‘हवन में डालेंगे हड्डी, तुम्हें फेल करवा देंगे’ : JNU में रामनवमी पूजा से भड़के वामपंथी-कट्टरपंथी, SFI अध्यक्ष की पत्थरबाजी करते वीडियो वायरल

एबीवीपी की महासचिव निधि, वामपंथियों के दावों को खारिज करते हुए कहती हैं कि लेफ्ट वाले राम नवमी की पूजा में बाधा डालना चाहते थे। इस साल से पहले तक विजयदशमी के दौरान आने वाला नवरात्रि छात्रों द्वारा मनाया जाता था। मगर पहली बार था कि चैत्र में रामजन्मोत्सव के मौके पर पूजा आयोजित की गई हो। वामपंथी राम जन्मोत्सव की पूजा देख भड़के।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कल (10 मार्च 2022) एक बार फिर से लेफ्ट गुट और ABVP का आमना-सामना हुआ। मौका राम नवमी का था। वामपंथियों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी ने उन्हें नॉन-वेज खाने से रोका और छात्रों ने इसका विरोध किया तो उनसे मारपीट की गई। वहीं लेफ्ट के दावे से उलट एबीवीपी सदस्यों ने कहा कि राम नवमी की पूजा होता देख लेफ्ट ने उनपर पहले हमला किया।

ऑपइंडिया से बात करते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव निधि त्रिपाठी ने बताया कि कल छात्रों ने कावेरी हॉस्टल में राम नवमी की पूजा का आयोजन किया था। हॉस्टल के मेस के अंदर इसी समय इफ्तार पार्टी चल रही थी और बाहर पूजा का आयोजन किया हुआ था। अच्छे से सारी चीज हो रही थीं। लेकिन ये सब वामपंथियों को रास नहीं आया। वो बाहर इकट्ठा हुए और जब छात्र पूजा करके बाहर निकलने लगे तो उन पर हमला कर दिया।

निधि के अनुसार, वामपंथियों का गुट उसी समय से राम नवमी पूजा का विरोध कर रहा था जबसे इस पूजा के पोस्टर छापे गए थे। हालाँकि, तमाम विरोध के बावजूद कल पूजा हुई जिसे देख वामपंथी बाहर इकट्ठा होना शुरू हो गए। निधि बताती हैं कि जब छात्र पूजा करके वापस मेस से होते हुए लौटे तो उन पर हमला किया गया। इस हमले में दिव्या नाम की छात्रा के हाथ में काँच की बोतल से मारा गया जिससे उसे चोटें आईं। रवि राज नाम का छात्र है वो भी पूजा से वापस आ रहा था तो उसके हाथ पर भी किसी धारदार हथियार से मारा गया जिसके कारण उसे 8 टांके आए हैं। महासचिव बताती हैं कि वामपंथियों ने एक दिव्यांग विद्यार्थी को भी मारा और उनके कपड़े भी फाड़े।

नॉन-वेज का विरोध करना होता तो हर हॉस्टल में करते: ABVP महासचिव

निधि ने बताया कि एबीवीपी की ओर से इस मामले में एफआईआर कर दी गई है। उन्होंने लेफ्ट द्वारा उठाए गए नॉन-वेज के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे लोग कह रहे हैं कि एबीवीपी ने नॉनवेज खाने से रोका जबकि सच ये है कि जेएनयू के कई हॉस्टल हैं जहाँ हर शुक्रवार वेज-नॉनवेज दोनों तरह की बिरयानी बनती हैं। उसके अलावा बुधवार और रविवार को नॉन वेज बनता ही बनता है। कल भी सारे हॉस्टल में नॉन वेज बना है। अगर एबीवीपी नवरात्रि में नॉनवेज का विरोध कर रही थी तो बाकी हॉस्टलों में भी किया जाता। कई हॉस्टल ऐसे हैं जहाँ एबीवीपी के प्रेसीडेंट हैं। अगर नवरात्रि में नॉन वेज का ही विरोध करना एजेंडा होता तो फिर बाकी हॉस्टल में ये क्यों बनने दिया जाता।

रामजन्मोत्सव का किया गया विरोध

निधि, वामपंथियों के दावों को खारिज करते हुए कहती हैं कि लेफ्ट वाले राम नवमी की पूजा में बाधा डालना चाहते थे। इस साल से पहले तक विजयदशमी के दौरान आने वाला नवरात्रि छात्रों द्वारा मनाया जाता था। मगर पहली बार था कि चैत्र में रामजन्मोत्सव के मौके पर पूजा आयोजित की गई हो। वामपंथी राम जन्मोत्सव की पूजा देख भड़के।

हवन में हड्डियाँ डालने की दी जा रही थी धमकी: ABVP JNU अध्यक्ष

वहीं जेएनयू में संगठन के अध्यक्ष रोहित कुमार ने इस संबंध में बताया, “वामपंथियों को पूजा से समस्या थी। वह नहीं चाहते थे कि ये आयोजन हो। इसे रद्द कराने के लिए कई प्रयास किए। हमें कहा गया कि हवन में हड्डी फेकेंगे और पूजा नहीं करने देंगें। इसके अलावा उन्होंने वार्डन को भी फर्जी पत्र लिखकर कहा कि वो हमें पूजा न करनें दे। हालाँकि, बाद में इस पत्र को डीन द्वारा खारिज कर दिया गया। रोहित के अनुसार, पूजा इन्हीं सबकी हरकतों के कारण 2 घंटे लेट हुई। वहाँ इस्कॉन सदस्य आए थे और कई अन्य भी। मगर, ये लोग चिल्लाते रहे कि राम नवमी की पूजा नहीं हो सकती क्योंकि ये सेकुलर जगह है। हमने पूछा सेकुलर है तो इफ्तार क्यों हो रहा है। छात्रों का पैसा इस पर नहीं खर्च होना चाहिए।” रोहित ने उस वीडियो का खंडन किया जिसे लेफ्ट ये कहकर शेयर कर रहा है कि एबीवीपी ने उन्हें मीट खाने से रोका। विडियो तब की है जब उत्सव में बाधा डालने के लिए एबीवीपी सदस्यों ने उनका विरोध किया था।

वामपंथियों के लिए नॉन-वेज न मिल पाना है मुद्दा, ABVP पर मढ़ा हिंसा का आरोप

बता दें कि राम नवमी के अवसर पर जेएनयू में भड़की हिंसा के बाद दोनों ही पक्षों की ओर से वीडियो साझा करके एक दूसरे पर इल्जाम लगाए जा रहे हैं। लेफ्ट पक्ष का कहना है कि एबीवीपी वालों ने मेस में नॉन वेज बनने से रोका और विक्रेता के साथ भी बदसलूकी हुई। जैसे ही उनके समूह को इसकी सूचना मिली, उन्होंने इस संबंध में शिकायत भी दी। जेएनयूएसयू, एसएफआई, डीएसएफ और आइसा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एबीवीपी के छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 341, 509, 506 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

SFI नेता कर रहे थे पूजा में शामिल होने वालों पर पत्थरबाजी: दावा

इस बीच एबीवीपी ने भी अपनी ओर शिकायत दे दी है। उन्होंने कुछ वीडियोज को साझा किया है जिन्हें लेकर उनका दावा है कि उसमें एसएफआई अध्यक्ष खुद पूजा करके वापस आने वाले छात्रों पर पत्थर बरसा रहे हैं। इसी तरह AISA कार्यकर्ता भी पीली शर्ट में लड़ते-झगड़ते देखे जा सकते हैं।

‘लड़की हो या दिव्यांग… वामपंथियों ने सबको मारा’

घायल छात्रों में दिव्या है- जिनका कहना है कि वो कावेरी हॉस्टल की पूजा में शामिल होने गई थीं। मगर जब वापस आने लगीं तब वामपंथियों ने उन पर काँच से अटैक किया। हाथ में इतनी तेजी लगी कि समझ भी नहीं आया कि ये सब क्यों किया जा रहा है। वह कहती हैं कि हिंसा के दौरान लेफ्ट वालों ने लड़कियों को गंदी-गंदी गालियाँ दी। एक दिव्यांग छात्र की वीडियो सामने आई है। इसमें वे बता रहे हैं कि उन्होंने वामपंथियों के आगे हाथ जोड़े मगर उनकी किसी ने नहीं सुनी। उन्हें बहुत मारा गया।

रवि राज ने बताया कि वो कल 8 बजे अपने दोस्त के पास हॉस्टल गए थे। जब डाइनिंग हॉल से गुजरे तो कुछ लोग नारेबाजी कर रहे थे कि हॉस्टल में रामनवमी पूजा कैसे हो सकती है। उन्होंने उन लोगों की पहचान करने को भी कहा जो पूजा में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने रवि को देखा और उनके सीधे पर चाकू से हमला किया। साथ ही धमकी दी कि वो अपने प्रोफेसर से रवि को फेस करके यूनिवर्सिटी से निकालने को कहेंगे।

इस पूरी हिंसा के विरोध में एबीवीपी ने कल एक मार्च किया था। एबीवीपी ने कहा कि लेफ्ट के नक्सली कार्यकर्ताओं द्वारा चारों तरफ से हमले सहने एवं कई कार्यकर्ताओं के लहूलुहान होने के बाद भी उनका हौसला नहीं टूटेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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