बिहार के सासाराम में रामनवमी का त्योहार बीत जाने के बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बिहार पुलिस ने कहा कि इलाके में शांति है, लेकिन पिछले 24 घंटे से बवाल जारी है जो रात में भी नहीं थमा। शहर के कई अलग-अलग इलाकों में हिंसा हुई है। इंटरनेट सेवाएँ प्रतिबंधित कर दी गई हैं। हिन्दू-मुस्लिम तनाव के कारण पूरे जिले में धारा-144 लागू करने के साथ ही भारी संख्या में पुलिस के जवानों की तैनाती भी की गई है।
सासाराम के सहजलाल, बस्ती मोर, चौखंडी, आदमखानी और सोना पट्टी जैसे इलाकों में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएँ हुई हैं। दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी होती रही। सोना पट्टी इलाके में आभूषण दुकानों के शटर तक को खोलने का प्रयास किया गया। कई घरों और दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। मिड टाउन के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जहाँ घनी आबादी रहती है। लोगों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है।
सासाराम में पड़ोसी जिले औरंगाबाद से पुलिस फोर्स मँगाई गई है। ये सब तब हो रहा है, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जिले के दौरे पर आने वाले हैं। स्थानीय लोगों के अलावा पुलिसकर्मी और पत्रकार भी घायलों में शामिल हैं। एसडीओ के बॉडीगार्ड का सिर फट गया। रामनवमी जुलूस समाप्त होने के बाद वहाँ हिंसा शुरू हुई। रविवार (2 अप्रैल, 2023) को यहाँ अमित शाह की विशाल रैली है। गोलीबारी की भी खबर है, लेकिन प्रशासन ने फ़िलहाल चुप्पी साधी हुई है।
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— News18 India (@News18India) April 1, 2023
रामनवमी की विसर्जन यात्रा और जुमा, दोनों एक ही दिन था। जेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद का कहना है कि खिरकी घाट में हनुमान मंदिर पर हमला किया गया है। सम्राट अशोक के लघु शिलालेख को भी अमित शाह देखने जाएँगे, जहाँ मुस्लिमों के कब्जे की बात कही जा रही है। कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैम्प कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद हिंसा का होना बिहार पुलिस के कामकाज के तरीके पर सवाल खड़ा कर रहा है।