Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजपत्रकार हत्या मामले में राम रहीम को मिली उम्रक़ैद की सज़ा

पत्रकार हत्या मामले में राम रहीम को मिली उम्रक़ैद की सज़ा

दो महिलाओं ने 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिख कर राम रहीम के ख़िलाफ़ बलात्कार के आरोप लगाए थे, अपनी जान जाने के डर से पत्र में नाम और पता नहीं लिखा था।

आख़िरकार, 17 सालों बाद दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के परिवार को न्याय मिला। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) सहित सभी चारों आरोपितों को पत्रकार मर्डर केस में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई है और सज़ा के साथ-साथ सभी दोषियों पर 50-50 हज़ार रुपए का ज़ुर्माना भी लगाया गया है।

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति जिनकी 2002 में हत्या कर दी गई थी

अदालत में राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सम्पन्न हुई थी क्योंकि उसे अदालत तक लाना पुलिस के लिए चुनौतियों भरा हो सकता था। पुलिस ने ऐसा करना तभी कर लिया था जब उसकी गिरफ़्तारी हुई थी। उस दौरान कई राज्यों में भड़की हिंसा के दौरान 38 लोग मारे गए थे और 250 से भी अधिक लोग घायल हुए थे। आज पूरी सुनवाई के दौरान राम रहीम जस्टिस जगदीप सिंह के सामने हाथ जोड़े खड़ा रहा।

बताया जाता है कि दो महिलाओं ने 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पत्र लिख कर राम रहीम के ख़िलाफ़ बलात्कार के आरोप लगाए थे और अपनी जान जाने के डर से नाम, पता नहीं लिखा था। पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को इसकी जाँच सौंप दी थी। पत्रकार छत्रपति ने इस गुमनाम चिट्ठी को अपने अख़बार ‘पूरा सच’ में छाप दिया और यही उनकी हत्या का कारण भी बना। राम रहीम के ख़िलाफ़ लिखने के लिए उसके गुर्गों ने छत्रपति को कई बार धमकियाँ भी दी थी।

हरियाणा के रहने वाले जगदीप सिंह मृदुभाषी हैं और जमीन से जुड़े हुए हैं। अतिरिक्त ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश रह चुके सिंह को 2018 में सीबीआई कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। इस से पहले साध्वी बलात्कार मामले में भी राम रहीम के ख़िलाफ़ इनके द्वारा ही फ़ैसला सुनाया गया था। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील रह चुके जगदीप सिंह तब सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल चार लोगों को समय पर अस्पताल पहुँचा कर उनकी जान बचाई थी

फ़िलहाल 51 वर्षीय राम रहीम रोहतक के एक जेल में 20 साल कारावास की सज़ा काट रहा है। उस पर उसके दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार करने का आरोप है। 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के आरोप में अदालत ने उसके सहित तीन अन्य लोगों को दोषी ठहराया था। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उस समय भी उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए ही अदालत में पेश किया गया था। आज उसकी सुनवाई से पहले ही पंचकूला अदालत परिसर से लेकर पूरे इलाक़े तक सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -