उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है। 22 जनवरी 2024 को नव निर्मित इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम के बाल रूप वाले विग्रह का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे। यह कार्यक्रम बेहद भव्य होगा, जिसे दुनिया भर के श्रद्धालु लाइव देख चुके हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्राण-प्रतिष्ठा का समय सुबह 11 बजे से 1 बजे के बीच होगा। इस अवसर पर देश-विदेश के हिंदुओं को अपने-अपने गाँव और मोहल्ले में या उसके नजदीक स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं को एकजुट होकर भजन-कीर्तन करने का आह्वान किया गया है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि जो जहाँ है वहीं से टीवी पर अयोध्या में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण वीडियो देखे।
जय श्री राम!
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) November 3, 2023
Jai Shri Ram!
संपूर्ण विश्व के श्रीराम भक्तों से हमारा निवेदन
Our appeal to Shri Ram bhakts across globe. pic.twitter.com/adpw7EO62A
अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर में हवन-पूजन, शंख ध्वनि, घंटानाद, आरती और प्रसाद वितरण का भी आह्वान किया है। इस दौरान श्रद्धालुओं से ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ का विजय मंत्र 108 बार जपने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा, इस दौरान श्रीराम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का आदि का सामूहिक पाठ किया जा सकता है।
प्राण-प्रतिष्ठा के दिन शाम को अपने-अपने घरों के सामने दीप जलाने और दीपमालिका बनाने के लिए कहा गया है। ट्रस्ट की ओर से इन आयोजनों को मंदिर केंद्रित बनाए रखने का आह्वान किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है, “इससे देवी-देवता प्रसन्न होंगे। संपूर्ण भारत का वातावरण सात्विक और राममय हो जाएगा।”
कैसा होगा अपना राम मंदिर
इस मंदिर को परंपरागत नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम की ओर) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊँचाई 161 फीट है। यह मंदिर तीन मंजिल का होगा, जिसमें प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट होगी। पूरी मंदिर में 392 खंभे और 44 दरवाजे होंगे। इन खंभों पर देवी-देवताओं एवं देवांगनाओं की मूर्तियाँ होंगी।
इसमें भूतल यानी गर्भगृह में भगवान रामलला विराजेंगे, जबकि प्रथम तल पर राम दरबार होगा। राम दरबार में भगवान राम अपने तीनों भाइयों, धर्म पत्नी सीता और अपने प्रिय भक्त हनुमान के साथ विराजेंगे। मंदिर में कुल पाँच मंडप होंगे- नृत्य मंडप, रंग मंडप, गढ़ मंडप (सभा मंडप), प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप।
पूर्व की ओर से प्रवेश करने के बाद 32 सीढ़ियाँ चढ़कर सिंहद्वार होगा। दिव्यांगजनों के लिए यहाँ रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर के चारों ओर प्रकोटा होगा। इन प्रकोटा के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे। यहाँ भगवान सूर्य, भगवान शंकर, गणपति, देवी भगवती होंगे। परकोटे के दक्षिणी ओर भगवान हनुमान और उत्तरी ओर माता अन्नपूर्णा का मंदिर है।
मंदिर के दक्षिण में पौराणिक सीताकूप स्थित है। परकोटा के बाहर दक्षिण में जिनके प्रस्तावित मंदिर हैं, वे हैं- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और देवी अहिल्या। दक्षिण-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर भगवान शिव के मंदिर का जीर्णोद्धार और रामभक्त जटायु की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।