रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद से अयोध्या में जन्मभूमि पर विशाल मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहले इस हेतु सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार ट्रस्ट बनाया गया। जिसके बाद से राममंदिर बनने की दिशा में तेजी आई है। रामलला को टेंट से निकलकर अस्थायी मंदिर में शिफ्ट करने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, इस दिशा में तैयारी भी अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। रामलला चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी 25 मार्च को फाइबर के बने बुलेट प्रूफ के अस्थाई मंदिर में शिफ्ट हो जाएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार इसके लिए कोलकाता में तैयार बुलेट प्रूफ मंदिर शनिवार देर रात अयोध्या पहुँच गया है। यह मंदिर 21×15 फुट का है।
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक बुलेट प्रूफ फाइबर से बना यह मंदिर अनेक सुख-सुविधाओं से लैस है। जिसमें रामलला को गर्मी से बचाने के लिए दो एसी भी लगाए जाएंगे। मंदिर के लिए चबूतरा 24 मार्च तक तैयार हो जाएगा। जिसके बाद 25 मार्च को रामलला को इस चबूतरे पर विराजमान कराया जाएगा, जहाँ वे अपने भाइयों संग टेंट से निकलकर इस मंदिर में विराजेंगे। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो गोरखनाथ मंदिर के मठाधीश भी हैं, रामलला की प्रथम आरती करेंगे।
न्यूज एजेंसी के अनुसार रामलला के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने मीडिया से कहा, “27 सालों से रामलला टेंट में विराजमान हैं। अब रामलला के लिए फाइबर का मंदिर आ गया है। जिसमें उनके लिए सारी सुख-सुविधाएँ होंगी। अब रामलला को अब किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी।” याद रहे कि अयोध्या में स्थाई मंदिर के निर्माण होने तक रामलला इसी फाइबर से बने अस्थाई मंदिर में विराजेंगे।
वहीं कोरोना के चलते मौजूद भय के बीच अयोध्या जिलाधिकारी अनुज झा ने कहा कि कोरोना वायरस का राम नवमी मेले पर कोई असर नही पड़ेगा। राम नवमी मेला निश्चित समय पर ही होगा, जिसमें हमेशा की तरह पारंपरिक धार्मिक आयोजन किए जाएँगे। मेला रोकने की कोई बात नहीं है। जिलाधिकारी ने मीडिया से आगे कहा कि एडवाइजरी जारी कर मेले में आने वाले लोगो को जागरूक किया जाएगा, जिससे मेले को सुरक्षित संपन्न किया जा सके।