Monday, May 29, 2023
Homeदेश-समाजMSP से ज्यादा कीमत पर धान बेच रहे किसान: कर्नाटक में रिलायंस की डील,...

MSP से ज्यादा कीमत पर धान बेच रहे किसान: कर्नाटक में रिलायंस की डील, हर क्विंटल पर 82 रुपए का फायदा

धान की खेती करने वाले लगभग 1100 किसान इस कंपनी से जुड़े हुए हैं। समझौते में प्रति 100 रुपए के लेन देन पर एसएफपीसी को 1.5 फ़ीसदी कमीशन मिलेगा। इसके अलावा किसानों को...

एक तरफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है तो दूसरी तरफ देश की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी रिलायंस ने कर्नाटक में किसानों के साथ एक बड़ा समझौता किया है। ये डील एपीएमसी अधिनियम में संशोधन के बाद पहली कॉर्पोरेट डील है। सबसे अहम बात ये है कि इसमें किसानों को फसल की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक मिली है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कर्नाटक के रायचूर जिले स्थित सिंधनौर तालुक के किसानों के साथ रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने एक हज़ार क्विंटल मंसूरी धान की खरीद का सौदा किया है। कंपनी ने इस सौदे की शुरुआत में सोना मंसूरी धान के लिए 1950 रुपए की पेशकश की थी। जो कि सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (1868) से 82 रुपए ज़्यादा है। 

बता दें कि रिलायंस रिटेल लिमिटेड के पंजीकृत एजेंट्स ने स्वास्थ्य फार्मर्स प्रोड्युसिंग कंपनी (एसएफपीसी) के साथ समझौता किया था। इसके पहले तक यह कंपनी सिर्फ तेल का व्यापार करती थी। अब इस कंपनी ने धान की खरीद और बिक्री भी शुरू की है। धान की खेती करने वाले लगभग 1100 किसान इस कंपनी से जुड़े हुए हैं।

एसएफपीसी और किसानों के बीच हुए समझौते में प्रति 100 रुपए के लेन देन पर एसएफपीसी को 1.5 फ़ीसदी कमीशन मिलेगा। इसके अलावा किसानों को फसल की पैकिंग के लिए बोरे के साथ ही सिंधनौर स्थित वेयरहाउस तक ट्रांसपोर्ट का खर्चा उठाना होगा। 

इस पर एसएफपीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मल्लिकार्जुन वल्कालदिन्नी का कहना है कि फ़िलहाल थर्ड पार्टी वेयरहाउस में रखे गए धान की गुणवत्ता की जाँच करेगी। उनके मुताबिक़, “गुणवत्ता की पुष्टि होने पर रिलायंस के एजेंट फसल उपलब्ध कराएँगे। अभी वेयरहाउस में लगभग 500 क्विंटल धान स्टोर किया गया है, खरीद के बाद रिलायंस ऑनलाइन माध्यम से एसएफपीसी को भुगतान करेगा। एसएफपीसी वह रुपए सीधे किसानों के खाते में जमा करेगा। इतना ही नहीं धान की फसल ले जारी गाड़ियों को जीपीएस से ट्रैक भी किया जाएगा।”  

इस समझौते से हर कोई खुश नहीं है। कर्नाटक राज्य रैथा संघ के अध्यक्ष चमारासा मालिपाटिल ने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनी शुरुआत में तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम का लालच देंगी ही। इससे एमएसपी की मंडियों का नुकसान होगा और फिर किसानों का उत्पीड़न किया जाएगा। इस तरह के समझौतों से बच कर रहना होगा।            

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्थर से फट गई खोपड़ी, गर्दन से पेट तक 16 बड़े घाव: साक्षी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई, साहिल के इंस्टाग्राम हैंडल पर हुक्का पार्टी...

साक्षी के शरीर पर 16 बड़े घाव मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारी चीज से हमला होने के कारण मृतका की खोपड़ी फट गई थी।

‘साहिल को हिन्दू समझती थी’: हत्यारे को लेकर साक्षी की दोस्त का बड़ा खुलासा, ‘लव जिहाद’ के एंगल से भी जाँच करेगी पुलिस

साहिल और साक्षी एक दूसरे को 3-4 सालों से जानते हैं। दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा चल रहा था। साक्षी साहिल से बात नहीं करना चाहती थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
258,848FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe